केंद्र सरकार ने तुअर (अरहर) और उड़द दाल के आयात पर शुल्क (Import Duty) से छूट की अवधि एक साल के लिए बढ़ा दी है। अब 31 मार्च 2025 तक इन दोनों दालों के आयात पर कोई ड्यूटी नहीं देनी होगी, यानि कि फ्री में इंपोर्ट किया जा सकेगा। यह फैसला देश के अंदर दालों की उच्च महंगाई पर अंकुश लगाने में मददगार साबित होगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की मंजूरी के बाद इस बारे में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड की ओर से 28 दिसंबर को नोटिफिकेशन जारी किया गया है। अभी तक तुअर और उड़द दाल का फ्री इंपोर्ट 31 मार्च 2024 तक किया जा सकता था।
इससे पहले सरकार ने मसूर दाल (मसूर) के ड्यूटी फ्री इंपोर्ट के लिए डेडलाइन को बढ़ाकर 31 मार्च 2025 किया था। मसूर दाल के आयात पर भी यह छूट 31 मार्च 2024 तक थी। इसके अलावा मसूर पर 10 प्रतिशत एग्री-इंफ्रा सेस से छूट को भी मार्च, 2025 तक बढ़ा दिया गया है। जुलाई 2021 में मसूर के आयात पर इंपोर्ट ड्यूटी शून्य कर दी गई थी और फरवरी 2022 में 10 प्रतिशत एग्री-इंफ्रा सेस से छूट दी गई थी। तब से इस छूट को कई बार बढ़ाया जा चुका है।
FY23 में 24.96 लाख टन दलहन का आयात
हालांकि सरकार ने तीन कच्चे खाद्य तेलों– पाम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल पर मौजूदा इंपोर्ट ड्यूटी स्ट्रक्चर में बदलाव नहीं किया है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक और आयातक देश है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत ने 24.96 लाख टन दलहन का आयात किया था। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह के मुताबिक, कुछ दालों का उत्पादन उतना नहीं है जितना हम खपत करते हैं।