बिना सैलरी स्लिप के पर्सनल लोन लेना अब हुआ आसान, जानिए कैसे..
24 March, 2025 | 18:18 IST
पर्सनल लोन कई बार किसी इमरजेंसी, पर्सनल खर्चों या घर की मरम्मत जैसी जरूरतों में काम आ सकता है. लेकिन आमतौर पर पर्सनल लोन के लिए सैलरी प्रूफ की जरूरत होती है, इसलिए बहुत से लोग लोन के लिए अप्लाई करते समय परेशानी का सामना करते हैं. हालांकि, अब ऐसे कई तरीके हैं जिनसे बिना सैलरी प्रूफ के भी पर्सनल लोन लिया जा सकता है. खासतौर पर ऑनलाइन पर्सनल लोन ऐप्स ने इस प्रोसेस को और आसान बना दिया है.
अगर आप सैलरीड हैं, तो आमतौर पर आपको अलग से इनकम प्रूफ देने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि आपके क्रेडिट रिपोर्ट और PAN से ही फाइनेंशियल जानकारी मिल जाती है. वहीं, अगर आप फ्रीलांसर, सेल्फ-इम्प्लॉयड हैं या ऐसी प्रोफेशन में हैं, जहां रेगुलर सैलरी स्लिप नहीं मिलती, तो आपको अपनी इनकम का सबूत देने के लिए कुछ और डॉक्युमेंट्स दिखाने पड़ सकते हैं.
सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट या वर्क सर्टिफिकेट आमतौर पर लोन देने वाले संस्थान (बैंक या NBFCs) इनकम वेरिफाई करने के लिए मांगते हैं. इससे वे यह तय कर पाते हैं कि आप लोन चुकाने में सक्षम हैं या नहीं. लेकिन हर कोई सैलरीड नहीं होता. फ्रीलांसर, बिजनेसमैन और इररेग्युलर इनकम वाले लोग इस तरह के डॉक्युमेंट्स नहीं दे पाते. इसलिए जरूरी है कि आप लोन अप्लाई करने से पहले लेंडर की वेबसाइट या पर्सनल लोन ऐप पर उनके नियम देख लें.
लोन देने वाले संस्थान रिस्क को कम करने के लिए सैलरी प्रूफ मांगते हैं. इससे उन्हें आपकी इनकम का अंदाजा लगता है और वे आपकी रीपेमेंट कैपेसिटी को जज कर सकते हैं. पर्सनल लोन के लिए सिर्फ सैलरी प्रूफ ही नहीं, बल्कि आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और कई मामलों में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भी जरूरी हो सकता है. सैलरी प्रूफ से उन्हें आपके फिक्स्ड इनकम का पता चलता है, जिससे वे आपको कम रिस्क वाला कस्टमर मानते हैं.
हां, बिल्कुल! बिना सैलरी स्लिप के पर्सनल लोन लेने के कई तरीके हैं:
ऑनलाइन पर्सनल लोन ऐप्स का इस्तेमाल करें : ये ऐप्स आमतौर पर सैलरी स्लिप नहीं मांगते हैं. अगर आप सैलरीड हैं, तो आपकी इनकम और क्रेडिट वर्थनेस सिर्फ क्रेडिट प्रोफाइल के जरिए देखी जाती है. कुछ मामलों में बैंक स्टेटमेंट अपलोड करने की जरूरत पड़ सकती है.
ऑल्टरनेटिव इनकम प्रूफ दें : अगर आपके पास सैलरी स्लिप नहीं है, तो आप बैंक स्टेटमेंट, ITR, या फाइनेंशियल स्टेटमेंट जैसे डॉक्युमेंट दे सकते हैं. यह लेंडर को भरोसा दिलाएगा कि आपकी इनकम स्टेबल है और आप लोन चुका सकते हैं.
सेक्योर्ड पर्सनल लोन चुनें : अगर बिना सैलरी प्रूफ के लोन लेना मुश्किल हो रहा है, तो गोल्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट या प्रॉपर्टी के बदले सेक्योर्ड लोन लिया जा सकता है. यह अनसिक्योर्ड लोन की तुलना में आसान और कम इंटरेस्ट रेट पर मिल सकता है.
को-एप्लीकेंट के साथ अप्लाई करें : अगर आपकी इनकम स्टेबल नहीं है, तो आप किसी को-एप्लीकेंट (जैसे परिवार के किसी मेंबर) के साथ अप्लाई कर सकते हैं. लेंडर को-एप्लीकेंट की सैलरी और क्रेडिट हिस्ट्री देखकर लोन अप्रूव कर सकते हैं.
P2P लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स को आजमाएं : पारंपरिक बैंकों के मुकाबले पीयर-टू-पीयर (P2P) लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स ज्यादा फ्लेक्सिबल होते हैं. कई बार ये प्लेटफॉर्म बिना सैलरी प्रूफ के भी लोन अप्रूव कर देते हैं, बशर्ते आपके पास दूसरे इनकम सोर्स या एसेट्स हों.
क्रेडिट स्कोर बेहतर करें : अच्छा क्रेडिट स्कोर होने पर लेंडर को आप पर ज्यादा भरोसा होता है. अगर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी है और आपने पहले लोन या क्रेडिट कार्ड का सही तरीके से इस्तेमाल किया है, तो सैलरी प्रूफ की जरूरत कम हो सकती है.
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बिना सैलरी स्लिप के कौन-कौन से डॉक्युमेंट्स जरूरी हो सकते हैं?
बैंक स्टेटमेंट: पिछले 6 से 12 महीने के बैंक स्टेटमेंट से लेंडर आपकी इनकम का अंदाजा लगा सकता है.
ITR (इनकम टैक्स रिटर्न): अगर आप सेल्फ-इम्प्लॉयड या फ्रीलांसर हैं, तो पिछले 2-3 साल के ITR आपकी इनकम प्रूफ के तौर पर काम कर सकते हैं.
Form 16: अगर आपने हाल ही में जॉब छोड़ी है, तो पुरानी कंपनी से मिला Form 16 आपकी इनकम दिखाने में मदद कर सकता है.
फाइनेंशियल स्टेटमेंट: बिजनेस करने वाले लोग प्रॉफिट-लॉस स्टेटमेंट, बैलेंस शीट और ऑडिटेड अकाउंट्स दिखाकर अपनी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी साबित कर सकते हैं.
लोन अप्रूवल के चांस बढ़ाने के लिए कुछ जरूरी टिप्स
बैंक बैलेंस मेंटेन करें: लेंडर आपके अकाउंट में कैश फ्लो और फाइनेंशियल डिसिप्लिन चेक कर सकते हैं.
पुराना कर्ज कम करें: अगर पहले से कोई लोन या क्रेडिट कार्ड बैलेंस है, तो उसे थोड़ा कम करने से आपका डेट-टू-इनकम रेशियो बेहतर होगा.
सही लेंडर चुनें: कुछ बैंक और NBFCs लोन अप्रूवल के मामले में ज्यादा फ्लेक्सिबल होते हैं, इसलिए पहले से रिसर्च करें.
कुछ संभावित जोखिम जिनका ध्यान रखना जरूरी है
हाई इंटरेस्ट रेट: बिना सैलरी प्रूफ के लोन देने वाले कुछ लेंडर्स ज्यादा ब्याज दर मांग सकते हैं. इसलिए लोन की शर्तें ध्यान से पढ़ें.
शॉर्टर लोन टेन्योर: कुछ मामलों में लेंडर्स रिस्क कम करने के लिए छोटी अवधि का लोन दे सकते हैं, जिससे EMI ज्यादा हो सकती है.
कोलैटरल रिस्क: अगर आपने सेक्योर्ड लोन लिया है, तो ध्यान दें कि लोन चुकाने में देरी करने पर आपकी एसेट्स (गोल्ड, प्रॉपर्टी, FD) पर खतरा हो सकता है.
कुल मिलाकर बिना सैलरी स्लिप के पर्सनल लोन पाना मुश्किल जरूर लग सकता है, लेकिन ऑनलाइन पर्सनल लोन ऐप्स, ऑल्टरनेटिव इनकम प्रूफ, सेक्योर्ड लोन, क्रेडिट स्कोर जैसी चीजों पर ध्यान देकर इसे आसानी से हासिल किया जा सकता है. सही लेंडर चुनें, डॉक्युमेंट्स तैयार रखें और जरूरत पड़ने पर को-एप्लीकेंट या P2P लेंडिंग जैसे ऑप्शंस का भी इस्तेमाल करें.
अगर आप इंस्टेंट पर्सनल लोन लेना चाहते हैं, तो Moneycontrol पर 50 लाख तक के लोन ऑफर एक्सप्लोर कर सकते हैं, जहां मिनिमल डॉक्युमेंटेशन और इंस्टेंट डिस्बर्सल है.
सारांश
अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो आम तौर पर ऑनलाइन पर्सनल लोन ऐप आपसे सैलरी प्रूफ देने की मांग नहीं करती हैं. कुछ मामलों में आपको बैंक स्टेटमेंट या ITR जैसे डाक्यूमेंट्स देने पड़ सकते हैं, जिससे लेंडर आपकी इनकम का अंदाजा लगा सकता है.
यह अंश/लेख किसी बाहरी पार्टनर द्वारा लिखा गया है और मनीकंट्रोल की संपादकीय टीम के काम को प्रतिबिंबित नहीं करता है। इसमें मनीकंट्रोल द्वारा पेश किए गए उत्पादों और सेवाओं के संदर्भ शामिल हो सकते हैं।
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