डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की दवाइयां सस्ती हो सकती हैं। नेशनल फार्मास्युटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने 69 फॉर्मुलेशंस की रिटेल कॉस्ट और 31 फॉर्मुलेशंस की सीलिंग कॉस्ट तय की है। प्राइस लिमिट का पालन नहीं करने वाली दवा मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को वसूली गई ज्यादा कीमत सरकार को वापस करना पड़ेगा। टाइप 2 डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, एंटिबायोटिक्स, कफ सिरप और डिप्रेशन की कई दवाइयों की कीमतें प्राइस कंट्रोल के तहत आ जाएंगी।
टाइप 2 डायबिटीज के लिए Dapagliflozin के कंबिनेशन, Metformin Hydrochloride (Extended Release) और Glimpepiride टैबलेट की कीमत 14 रुपये होगी। Sitagliptin Phosphate, metformin hydrochloride और Glimepiride Combination की कीमत 13 रुपये होगी। सन फार्मास्युटिकल्स, अल्केम लेबोरेट्रोजी, सिप्ला, मैनकाइंड फार्मा, ल्यूपिन और टॉरेंट फॉर्मा जैसी कई कंपनियों की दवाएं इस लिस्ट में शामिल होंगी।
इन दवाओं की कीमतें भी घटेंगी
इसके अलावा एनपीपीए की लिस्ट में 39 फॉर्मुलेशंस को भी शामिल किया गया है। इसके तहत Snake Venom Antiserum का सीलिंग प्राइस 428 रुपये तय किया गया है। एचआईवी की दवा Sidovudine, थैलेसिमिया के इलाज में होने वाले Desferrioxamine और दमा के इलाज में होने वाले Budesonide-formoterol कंबिनेशन की कीमत को भी प्राइस कंट्रोल के दायरे में लाया गया है।
एनपीपीए की स्थापना 1997 में हुई थी। ड्रग प्राइस रेगुलेटर का काम दवाइओं की कीमतें तय करना और उसमें बदलाव करना है। इसके साथ ही उस पर ड्रग प्राइसिंग कंट्रोल ऑर्डर के प्रावधानों को लागू करने की जिम्मेदारी है। रेगुलेटर कंट्रोल के तहत आने वाली और कंट्रोल के तहत नहीं आने वाली दवाइयों की कीमतों की मॉनटरिंग करता है। यह तय प्राइस पर जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्ति करता है।
दवाओं की कीमतें डिस्प्ले करने का निर्देश
अथॉरिटी ने हर रिटेलर और डीलर के लिए अपनी दुकान या ऑफिस में दवाओं की कीमतों को अच्छी तरह से डिस्प्ले करना अनिवार्य बनाया है। इससे कंज्यूमर्स को दवाएं उपलब्ध कराने में आसानी होती है।
यह भी पढ़ें: Chip Plants in India: सरकार ने तीन और चिप प्लांट को दी मंजूरी, Tata के दो प्रपोजल को हरी झंडी