Business Idea: सरकारी मदद से शुरू करें बेबी कॉर्न का बिजनेस, फौरन बन जाएंगे करोड़पति

Business Idea: पिछले कुछ समय से बेबी कॉर्न की डिमांड में इजाफा हुआ है। बेबी कॉर्न कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। लिहाजा यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। यह मक्का परिवार से आता है। बेबी कॉर्न से कई तरह की डिशेज बनाई जाती है। ऐसे में शहरों के छोटे या बड़े रेस्टोरेंट में हर जगह मांग रहती है

अपडेटेड Jan 16, 2024 पर 8:28 AM
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Business Idea: बेबी कॉर्न की फसल को तैयार होने में 45-50 दिन का समय लगता है। एक साल में इसकी 4-5 फसलें उगाकर मोटी कमाई कर सकते हैं।

Business Idea: भारत में कृषि क्षेत्र में तेजी से विस्तार हो रहा है। आजकल के इस अर्थयुग में हर कोई कमाई के मामले में आगे बढ़ने की सोच रहा है। अगर आप भी खेती के जरिए मोटी कमाई करना चाहते हैं तो आज हम आपको एक ऐसी फसल का नाम बता रहे हैं। जिसे साल में 3-4 बार उगा सकते हैं। हम बात कर रहे हैं बेबी कॉर्न (Baby Corn) की फसल के बारे में। बेबी कॉर्न में ढेर सारे पोषक तत्व मौजूद रहते हैं। लिहाजा इसकी शहरों में बंपर डिमांड है। फाइव स्टार होटलों, पिज्जा चेन, पास्ता चेन, रेस्टोरेंट आदि में भी बेबी कॉर्न की तगड़ी मांग रहती है।

भारत में गेहूं और चावल के बाद मक्के की खेती सबसे अधिक होती है। उत्तरी भारत के कई इलाकों में किसानों ने इसे उगाने का सफल ट्रायल कर लिया है और इसकी खेती से हर साल लाखों की कमाई कर रहे हैं। आइए जानते हैं कैसे की जाती है बेबी कॉर्न की खेती (How to do Baby Corn Farming) और इस खेती से आप कितना मुनाफा (Profit in Baby Corn Farming) कमा सकते हैं?

45-50 दिन में तैयार हो जाती है बेबी कॉर्न फसल


बेबी कॉर्न की खेती साल भर की जा सकती है। मक्का के अपरिपक्व भुट्टे को बेबी कॉर्न कहते हैं। सिल्क की 1 से 3 सेमी लंबाई वाली अवस्था और सिल्क आने के 1-3 दिनों के अंदर तोड़ा जाता है। इसकी खेती साल में 3-4 बार कर सकते हैं। फसल को पूरी तरह से तैयार होने में 45 से 50 दिन का समय लगता है। इससे किसानों के लिए यह बड़े फायदे का सौदा हो सकता है। बेबी कॉर्न में कार्बोहाइड्रेड, कैल्सियम, प्रोटीन और विटामिन होता है। वहीं इसे कच्चा या पका कर भी खाया जा सकता है।

बेबी कॉर्न से किसानों को डबल मुनाफा

बेबी कॉर्न की खेती से किसानों को डबल फायदा मिलता है। इसकी फसल निकलने के बाद बाकी बचे पौधों से पशुओं के लिए चारा तैयार किया जा सकता है। किसान इसका उपयोग हरे चारे के रूप में भी कर सकते हैं और इसे काटकर सूखने के बाद थ्रेसर से सूखा भूसा भी बनाया जा सकता है। मक्के का चारा पशुओं के लिए बहुत पौष्टिक आहार माना जाता है। पशुओं को इसका चारा खिलाने से उनकी दुग्ध उत्पादन क्षमता भी बढ़ती है।

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बेबी कॉर्न फसल में लागत

एक एकड़ जमीन में बेबी कॉर्न फसल में 15,000 रुपये का खर्च आता है। जबकि कमाई एक लाख रुपये तक होती है। साल में 4 बार फसल लेकर किसान 4 लाख रुपये तक आसानी से कमा सकते हैं। हालांकि, अभी इसकी बिक्री के लिए कोई व्यवस्थित सप्लाई चैन नहीं बनी है। ऐसे में किसानों को इसे बेचने में थोड़ी परेशानी झेलनी पड़ सकती है। समय के साथ इसकी डिमांड और तेज होने वाली है। जिससे इसकी खेती करने वाले किसानों को तगड़ा फायदा हो सकता है।

बेबी कॉर्न के लिए सरकार से मिलेगी मदद

अगर आप बड़े लेवल पर खेती करना चाहते हैं और आपको पैसों की दिक्कत आ रही है। ऐसी स्थिति में आप सरकार से किसान लोन ले सकते हैं। भारत सरकार बेबीकॉर्न और मक्के की खेती के लिए किसानों को बढ़ावा दे रही है। इसके तहत सरकार एक जागरूकता अभियान भी चला रहा है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप iimr.icar.gov.in पर विजिट कर सकते हैं।

Jitendra Singh

Jitendra Singh

First Published: Jan 16, 2024 8:24 AM

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