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Lok Sabha Elections 2024: कान्हा की नगरी मथुरा में BJP की होगी राधे-राधे? सपा से गठबंधन में कांग्रेस ने खुद मांगी ये सीट, क्या कर पाएगी मुकाबला

Lok Sabha Elections 2024: राज्य की 80 सीटो में से जिन 10 सीटों में सबसे दिलचस्प महासमर होने जा रहा है, उनमें से एक मथुरा भी है। बीजेपी के इस गढ़ को तोड़ने के लिए विपक्षियों की तरफ से तमाम प्रयास किए गए, लेकिन सफल नहीं हुए। इस बार चुनाव में क्या होगा। क्या भारतीय जनता पार्टी का गढ़ टूट पाएगा? यह भाजपा के लिए सबसे प्रतिष्ठा की सीटों में से एक है।

Brijesh Shuklaअपडेटेड Feb 29, 2024 पर 6:15 AM
Lok Sabha Elections 2024: कान्हा की नगरी मथुरा में BJP की होगी राधे-राधे? सपा से गठबंधन में कांग्रेस ने खुद मांगी ये सीट, क्या कर पाएगी मुकाबला
Lok Sabha Elections 2024: राज्य की 80 सीटो में से जिन 10 सीटों में सबसे दिलचस्प महासमर होने जा रहा है, उनमें से एक मथुरा भी है

Lok Sabha Elections 2024: ब्रज का ऐसा कोई रज कण नहीं, जिसने श्री कृष्ण के चरणों का स्पर्श न किया हो। यहां प्रेम की धारा बहती है। रसखान ने कहा था- 'मानुष हो तो वही रसखान बसव ब्रज गोकुल गांव के ग्वालन' इसका मतलब है कि मनुष्य का जन्म मिले, तो ब्रज के गांव में ग्वाल बाल बनूं। यह ब्रज रज ही पूरी दुनिया के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसी मथुरा नगरी में कंस की जेल में श्री कृष्ण ने जन्म लिया। यही वो भूमि है, जहां महान संतों ने श्री कृष्ण की गाथा को गया। इसी धरती पर सूर ने बाल लीला का गायन किया। यह ऐसा धाम है, जहां पर लाखों लोग प्रतिदिन खिंचे चले आते हैं। यह वो तीर्थ है, जहां औपचारिकताओं का कोई स्थान नहीं है। श्री कृष्णा किसी के लिए सखा हैं। किसी के लिए पुत्र हैं। किसी के लिए पिता हैं। किसी के लिए पति हैं।

आज भी बृजवासी श्री कृष्ण के साथ मस्ती करते हैं। हंसी ठिठोली करते हैं। उनके लिए गीत गाते हैं। उन्हें रिझाते हैं। उन्हीं से प्रेम करते हैं। उन्हीं से झगड़ा करते हैं और उन्हें ही तमाम खरी खरी बातें भी सुना देते हैं। यहीं पर गिरिराज जी हैं, जिन्हें श्री कृष्ण का स्वरूप माना जाता है। जब श्री कृष्ण ने इंद्र की पूजा से मना किया, तो नाराज होकर इंद्र ने अतिब्रष्टि करवा दी। तब श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को बचाने के लिए गिरिराज जी को अपनी उंगली पर उठा लिया था और गिरिराज धरण कहलाए।

यहां एक ओर प्रेम की धारा बहती है, वहीं राजनीति की धारा भी। यहीं से निकलकर भगवान श्री कृष्ण ने गुजरात जाकर द्वारका नगरी बसाई और राजनीति क्या है, यह दुनिया को बता दिया। आज एक बार फिर मथुरा में चुनावी समर का मैदान सज रहा है। चुनावी दांव पेंच शुरू हो गए हैं।

बीजेपी के इस गढ़ को तोड़ने के लिए विपक्षियों की तरफ से तमाम प्रयास किए गए, लेकिन सफल नहीं हुए। इस बार चुनाव में क्या होगा। क्या भारतीय जनता पार्टी का गढ़ टूट पाएगा? यह भाजपा के लिए सबसे प्रतिष्ठा की सीटों में से एक है।

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