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Lok Sabha Elections 2024: मुलायम सिंह यादव से कितना अलग है अखिलेश यादव का PDA फॉर्मूला?

Lok Sabha Elections 2024: पूरी लिस्ट देखने बाद ये साफ हो जाता है कि लिस्ट में नाम तो बदले हैं, लेकिन सामाजिक समीकरण वही रहे हैं। फिलहाल जिन प्रत्याशियों को सपा ने मैदान में उतारा है, उससे तो यही लगता है कि उन्हीं सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखकर टिकट बांटे गए हैं, जो मुलायम सिंह यादव के समय से सामने रख टिकट तय होते थे

Brijesh Shuklaअपडेटेड Feb 25, 2024 पर 6:15 AM
Lok Sabha Elections 2024: मुलायम सिंह यादव से कितना अलग है अखिलेश यादव का PDA फॉर्मूला?
कुछ टिकटों में बदलाव कर अखिलेश यादव यह मैसेज देना चाहते हैं कि दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग (PDA) के वह सबसे बड़े हितैसी हैं

Lok Sabha Elections 2024: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) इस बार PDA मुद्दे पर ही चुनाव लड़ रहे हैं और इसी आधार पर वह टिकटों का बंटवारा भी कर रहे हैं। ऐसा पार्टी के नेताओं का दावा है। सपा नेता यह जोर दे कर कहते हैं कि अखिलेश का PDA इस बार करिश्मा करेगा। PDA यानि पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक। कुछ टिकटों में बदलाव कर अखिलेश यादव यह मैसेज देना चाहते हैं कि दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग (PDA) के वह सबसे बड़े हितैसी हैं।

अयोध्या जैसी अति महत्वपूर्ण सीट पर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने दलित नेता अवधेश प्रसाद को टिकट दे दिया है। इसे भी PDA का ही परिणाम बताया जा रहा है। यही नहीं उन्होंने फर्रुखाबाद से एक बार नवल किशोर शाक्य को टिकट दिया है। लेकिन अयोध्या में सामाजिक समीकरणों में इसलिए बहुत बड़ा अंतर नहीं दिखता है, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने यहां से आनंद सेन यादव को मैदान में उतारा था। वो भी इसी PDA का ही हिस्सा थे।

फर्रुखाबाद सीट 2019 के चुनाव में BSP के खाते में गई थी। तब BSP ने इस सीट पर वैश्य समुदाय के प्रत्याशी को उतारा था, लेकिन 2014 में सपा से रामेश्वर सिंह यादव को चुनाव लड़ा चुकी है। इस बार अखिलेश यादव ने यहां रणनीति में बदलाव किया और अति पिछड़े को मैदान में उतार दिया।

टिकट बंटवारे में दिख रहा PDA फॉर्मूला

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