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हफ्ते भर पहले जंतर-मंतर पर विपक्षी एकता का नारा बुलंद कर रहे थे फारूक अब्दुल्ला, अब खुद ही INDIA गुट को दे दिया झटका, जम्मू-कश्मीर में क्या होगा इसका असर

Lok Sabha Elections 2024: फारूक अब्दुल्ला ने ये राजनीतिक कदम ऐसे समय में उठाया, जब ज्यादातर विपक्षी दल अलग-अलग राज्यों में सीट-बंटवारे के सौदे से जूझ रहे हैं। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब में अकेले लड़ने का ऐलान करते हुए दिल्ली में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट की पेशकश की है। उधर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने भी सबसे पुरानी पार्टी पर अपनी शर्तें थोप दी हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 15, 2024 पर 8:21 PM
हफ्ते भर पहले जंतर-मंतर पर विपक्षी एकता का नारा बुलंद कर रहे थे फारूक अब्दुल्ला, अब खुद ही INDIA गुट को दे दिया झटका, जम्मू-कश्मीर में क्या होगा इसका असर
Lok Sabha Elections 2024: फारूक अब्दुल्ला ने ऐलान किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस केंद्र शासित प्रदेश की सभी सीटों पर अकेले लडे़गी

Lok Sabha Elections 2024: फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने 8 फरवरी को, लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के बीच एकता के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर जोर-शोर से नारा बुलंद किया। हालांकि, ठीक एक हफ्ते बाद, 15 फरवरी को, उन्होंने अपनी राजनीतिक पैंतरेबाजी दिखा दी। जब उन्होंने ऐलान किया कि आने वाले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) केंद्र शासित प्रदेश की सभी पांच संसदीय सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। उनके इस ऐलान के बाद ये साफ हो गया कि राज्य में I.N.D.I.A. ब्लॉक के घटकों, कांग्रेस (Congress) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के साथ किसी भी तरह का उनका कोई गठबंधन नहीं है।

अब्दुल्ला ने ये राजनीतिक कदम ऐसे समय में उठाया, जब ज्यादातर विपक्षी दल अलग-अलग राज्यों में सीट-बंटवारे के सौदे से जूझ रहे हैं। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब में अकेले लड़ने का ऐलान करते हुए दिल्ली में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट की पेशकश की है। उधर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने भी सबसे पुरानी पार्टी पर अपनी शर्तें थोप दी हैं।

जंतर-मंतर पर केरल सरकार के विरोध प्रदर्शन के दौरान 86 साल के अब्दुल्ला ने विपक्षी एकता की जो आवाज उठाई थी, वहीं उनके इस फैसले ने साथी दलों और नेताओं को काफी चौंका दिया। तब उन्होंने कहा, “दुखद बात यह है कि हम धीरे-धीरे ऐसी स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं, जहां देश में एक ही पार्टी का शासन होगा।”

उन्होंने विपक्षी एकता का आह्वान करते हुए नेताओं से मतभेदों को दूर रखने और केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को उखाड़ फेंकने के लिए अथक प्रयास करने की भी अपील की थी।

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