पेंट इंडस्ट्री में क्यों बड़े पैमाने पर निवेश कर रह रही हैं देश की दिग्गज कंपनियां?

कंज्यूमर्स की बढ़ती मांग और प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी की वजह से बड़े खिलाड़ी कंज्यूमर आधारित बिजनेस में विकल्प खंगाल रहे हैं। कोरोना के बाद इनवेस्टमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट को लेकर शुरू हुए बूम की वजह से रियल एस्टेट की मांग बढ़ी है। भारत में पेंट की कुल मांग में रियल एस्टेट सेक्टर की कुल हिस्सेदारी 70 पर्सेंट है

अपडेटेड Feb 26, 2024 पर 4:30 PM
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अगले 5 साल में पेंट इंडस्ट्री का कोराबार बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है।

भारत की पेंट्स इंडस्ट्री में कॉम्पिटिशन बढ़ने वाला है। ग्रासिम (Grasim) की एंट्री के साथ ही पेंट इंडस्ट्री में मार्केट शेयर को लेकर खींचतान तेज होने वाली है। आदित्य बिड़ला ग्रुप की यह कंपनी पहले ही ऐलान कर चुकी है कि वित्त वर्ष 2025 में वह हाई सिंगल डिजिट मार्केट शेयर हासिल कर सकती है। इस सेक्टर में जहां पहले कुछ ही खिलाड़ी मौजूद थे और अब इसमें कई नए खिलाड़ी प्रवेश कर रहे हैं, जो पेंट इंडस्ट्री की शानदार ग्रोथ को लेकर उम्मीद जगाता है।

पेंट सेक्टर में क्यों बढ़ रही है कंपनियों की दिलचस्पी

कंज्यूमर्स की बढ़ती मांग और प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी की वजह से बड़े खिलाड़ी कंज्यूमर आधारित बिजनेस में विकल्प खंगाल रहे हैं। कोरोना के बाद इनवेस्टमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट को लेकर शुरू हुए बूम की वजह से रियल एस्टेट की मांग बढ़ी है। भारत में पेंट की कुल मांग में रियल एस्टेट सेक्टर की कुल हिस्सेदारी 70 पर्सेंट है। लगातार दो वित्त वर्षों- 2022 और 2023 में इस सेक्टर में शानदार ग्रोथ देखने को मिली और इस वजह से नए खिलाड़ी भी इस सेक्टर में एंट्री चाह रहे हैं। जानकारों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 में रियल एस्टेट सेक्टर की मांग मजबूत रहने का अनुमान है।

इस सेक्टर में नए खिलाड़ी कौन हैं?


पेंट सेक्टर में संभावनाओं को देखते हुए हाल में कई कंपनियों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है, मसलन बिड़ला की कंपनी ग्रासिम, JSW ग्रुप, जेके सीमेंट, पिडिलाइट और पाइप्स एंड फिटिंग्स मैन्युफैक्चरिंग एस्ट्रल। JSW पेंट्स ने 2019 में इस मार्केट में एंट्री थी और इसमें प्रमोटर ग्रुप के जरिये 250 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। इस कंपनी के वित्त वर्ष 2024 में मुनाफे में आने की उम्मीद है। ग्रासिम ने 10,000 करोड़ रुपये के निवेश से इस मार्केट में एंट्री की है। कंपनी के पास कुल 6 प्लांट्स हैं और इसकी सालाना क्षमता 133.2 करोड़ लीटर सालाना है। इसका मकसद आने वाले वर्षों में प्रॉफिट के लिहाज से नंबर दो कंपनी बनना है। पिडिलाइट ने 'हइशा' (Haisha) ब्रांड के नाम से 2023 में इस सेगमेंट में एंट्री की है।

इंडस्ट्री की लॉन्ग टर्म संभावनाएं

ड्यूलक्स पेंट्स बनाने वाली ग्लोबल कंपनी अक्जो नोबेल (Akzo Nobel) ने 2023 की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगले 5 साल में पेंट इंडस्ट्री का कोराबार बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है। फिलहाल पेंट इंडस्ट्री का कारोबार 62,000 करोड़ रुपये है।

मार्केट शेयर बचाने के लिए क्या कर रहे मौजूदा खिलाड़ी

एशियन पेंट्स (Asian Paints), बर्जर (Berger) औरर कोनसाई नेरोलेक जैसी कंपनियां बढ़ते कॉम्पिटिशन से बचने के लिए अपनी क्षमता का विस्तार करने में जुटी हैं। एशियन पेंट्स ने पिछले साल ऐलान किया था कि वह अपने खंडाला प्लांट की प्रोडक्शन क्षमता बढ़ाकर 4,00,000 किलोलीटर करेगी, जो फिलहाल 3,00,000 किलोलीटर है। नेरोलेक का कहना है कि वह भी अपनी मौजूदा 60 करोड़ लीटर की क्षमता में बढ़ोतरी करेगी।

MoneyControl News

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First Published: Feb 26, 2024 4:30 PM

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