हरियाणा की गुरुग्राम पुलिस ने कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) के 3 मैनेजर स्तर कर्मचारियों सहित 4 लोगों को साइबर फ्रॉड से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने 28 फरवरी को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार बैंक कर्मचारियों की पहचान हरियाणा के मोहित राठी (25), गुरुग्राम के महेश कुमार (27), उत्तर प्रदेश के मूल निवासी विश्वकर्मा मौर्य (26) के रूप में हुई है। तीनों लोग कोटक महिंद्रा बैंक की एमजी रोड शाखा में काम करते थे जहां राठी अस्सिटेंट मैनेजर पद पर थे जबकि कुमार और मौर्य डिप्टी मैनेजर थे। वहीं चौथे व्यक्ति की पहचान हरियाणा के नूंह में रहने वाले हयात (23) के रूप में हुई है।
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (साइबर), सिद्धांत जैन ने बताया कि हयात एक साइबर फ्राड करने वाले गिरोह के सरगना का करीबी था। वह मैनेजरों से बैंक खाते से जुड़ी जानकारी प्राप्त करता था और गिरोह को वह जानकारी देता था। पुलिस अधिकारी ने कहा, ''तीनों आरोपी पिछले 7 महीने से कोटक महिंद्रा बैंक में काम कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने बैंक में करीब 2,000 खाते खोले थे।''
उन्होंने कहा कि वे बिलासपुर के स्थानीय लोगों को गुमराह करते थे और बैंक खाता किट पाने के लिए उनके नाम से नए बैंक खाते खोलते थे। इन खातों का इस्तेमाल साइबर फ्रॉड करने के लिए किया जाता था।
अधिकारियों ने कहा कि यह मामला उस वक्त सामने आया जब एक निवासी ने पिछले साल 18 नवंबर को मानेसर के साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे एक कॉल आई जिसमें दावा किया गया कि उसके बेटे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और मदद के लिए 10,000 रुपये भेजने के लिए कहा गया। उन्होंने इसके बाद पैसे ट्रांसफर कर दिए और बाद में उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है।
पुलिस ने कहा कि उनकी शिकायत पर एक FIR दर्ज की गई और राठी को 21 फरवरी को, कुमार को 22 फरवरी और विश्वकर्मा और हयात को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि इनके पास से दो मोबाइल फोन बरामद हुए। सिद्धांत जैन ने कहा, ''हम आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं और आरोपियों की ओर से खोले गए बैंक खातों से जुड़ी जानकारी हासिल की जा रही है।"