कैपिटल मार्केट की रेग्यूलेटर सेबी ने फूड डिलिवरी फर्म जोमैटो (Zomato)से पूछा है कि इटर्नल ( Eternal) रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम के तहत कई CEO बनाने की क्या वजह है।
कैपिटल मार्केट की रेग्यूलेटर सेबी ने फूड डिलिवरी फर्म जोमैटो (Zomato)से पूछा है कि इटर्नल ( Eternal) रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम के तहत कई CEO बनाने की क्या वजह है।
बता दें कि मनीकंट्रोल ने इस सप्ताह की शुरुआत में बताया था कि जोमैटो के फाउंडर और सीईओ दीपिंदर गोयल ने कंपनी एक इंटरनल मेमो (आंतरिक ज्ञापन) में कंपनी पुनर्गठन योजना की जानकारी दी थी।
कार्यकारी स्तर के बदलाव के बारे में गोयल का नोट पिछले हफ्ते शेयरधारकों द्वारा ब्लिंकिट (Blinkit)के अधिग्रहण को मंजूरी मिलने के बाद गोयल का ये नोट आया था जिसमें कंपनी के एक्जीक्यूटिव लेवल पर होने वाले बदलावों की बात कही गई थी। बता दें कि ब्लिंकिट एक किराना डिलीवरी स्टार्टअप है जिसे पहले ग्रोफर्स कहा जाता था।
दीपिंदर गोयल ने इस नोट में कहा था कि "अब जब Zomato-Blinkit सौदे को मंजूरी मिल गई है, तो हमारे पास कारोबार के आकार और प्रभाव के आधार पर तीन कंपनियां हैं- जोमैटो (Zomato),ब्लिंकिट (Blinkit) और हाइपरप्योर। इन तीनों के अलावा हमारे पास फीडिंग इंडिया (Feeding India)भी है। अब हम कारोबारी अपने कारोबारी यात्रा के उस पड़ाव पर हैं जहां हम परिपक्व होकर एक ही व्यवसाय चलाने से आगे कई बड़ी कंपनियों को चलाने तक आ गए हैं"।
उन्होंने इस नोट में आगे कहा " अब हम एक ऐसी कंपनी से आगे बढ़ रहे हैं जिसमें सिर्फ में अकेला सीईओ था, अब हमारे पास हमारे प्रत्येक व्यवसाय को चलाने वाले कई सीईओ होंगे। ये सभी एक-दूसरे के साथियों के रूप में काम करेंगे। और एक बड़े लक्ष्य के लिए एक-दूसरे के साथ एक सुपर टीम के रूप में काम करेंगे। आज से हमारे इस बड़े संगठन का नाम 'इटर्नल' होगा"।
वर्तमान में Zomato की केवल दो व्यावसायिक इकाइयों के पास CEOs हैं। राहुल गंजू इसके फूड डिलीवरी सेगमेंट के सीईओ हैं, वहीं क्विक कॉमर्स कंपनी ब्लिंकिट (पहले ग्रोफर्स) का नेतृत्व को-फाउंडर और सीईओ अलबिंदर ढींडसा कर रहे हैं। बी2बी सप्लाई बिजनेस हाइपरप्योर और नान-प्रॉफिट यूनिट फीडिंग इंडिया के पास सीईओ नहीं हैं।
यह दूसरी बार है जब सेबी ने सी-सूट में फेरबदल (C-suite reshuffling)के संबंध में जोमैटो से स्पष्टीकरण मांगा है। पिछले साल सितंबर में सेबी ने कंपनी से पूछा था कि उसने अपने को-फाउंडर गौरव गुप्ता के जाने का खुलासा क्यों नहीं किया। उस समय, ज़ोमैटो ने यह कहकर जवाब दिया था कि गुप्ता के कंपनी से बाहर होने का खुलासा इसलिए नहीं किया गया था क्योंकि वे एक प्रमुख प्रबंधकीय कर्मी (key managerial personnel)के रूप में नामित नहीं किए गए थे, न ही वह कंपनी के प्रमोटर थे।
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