कुछ साल पहले चारकोल सोप या अनियन हेयर ऑयल जैसे नए प्रोडक्ट्स आपको डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) कंपनियों की वेबसाइट पर दिखते थे। अब ऐसे नए प्रोडक्ट्स आप सुपरमार्केट्स या किराना स्टोर में देख सकते हैं। इसका श्रेय डिजिटल और सोशल मीडिया को जाता है। एफएमसीजी कंपनियां सोशल मीडिया पर करीबी नजर रख रही हैं। वहां मिलने वाले फीडबैक का इस्तेमाल वे नए प्रोडक्ट्स लॉन्च करने के लिए कर रही हैं।
हाल में आईटीसी ने फ्रोजन स्टैनक्स और कुकिंग पेस्ट्स लॉन्च किया। उसने इन्हें आईटीसी मास्टरशेफ ब्रांड के तहत लॉन्च किया। दरअसल कंपनी ने कोरोना की महामारी के दौरान कंवेनिएंस फूड्स की तरफ लोगों के बढ़ते झुकाव को देखा। इसी तरह गोदरेज कंज्यूमर ने सिंथॉल ब्रांड के तहत एक चारकोल सोप लॉन्च किया। दरअसल, कंपनी ने ग्राहकों को डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर प्लेटफॉर्म पर ऐसे प्रोडक्ट की तलाश करते देखा।
गोदरेज कंज्यूमर के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर (इंडिया) सोमश्री बोस अवस्थी ने कहा, "डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया ऐसे पावरफुल टूल हैं, जो कंपनियों को यह समझने में मदद करते हैं कि ग्राहक क्या चाहते हैं।" एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडिया जैसे मार्केट में सफलता के लिए एफएमसीजी कंपनी के पास न्यू प्रोडक्ट डेवलपमेंट स्ट्रेटेजी (NPD)होनी जरूरी है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एनपीडी सिर्फ एक्स्ट्रा ग्रोथ के लिए जरूरी नहीं है बल्कि यह एक जरूरी तैयारी बन गई है। यही वजह है कि कई एफएमसीजी कंपनियों ने 'सोशल लिसेनिंग' के लिए डिजिटल मार्केटिंग कंपनियों की मदद ली हैं। इससे उन्हें सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म से इनसाइट हासिल करने में मदद मिलती है।
आईटीसी के चीफ डिजिटल मार्केटिंग ऑफिसर सुवदीप बनर्जी ने कहा, "आईटीसी ने एक मार्केटिंग कमांड सेंटर बनाया है। इसे सिक्स्थ सेंस नाम दिया गया है। यह सोशल मीडिया मीट्रिक्स ट्रैक करने के साथ ही मूमेंट मार्केटिंग, इनसाइट, डाटा और इंडस्ट्री बेंचमार्किंग के बारे में बताता है।" उन्होंने बताया कि सिक्स्थ सेंस कंपनी को सोशल मीडिया पर होने वाली बातचीत को समझने में मदद करता है।
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने भी सोशल मीडिया पर पॉपुलर डिमांड देखने के बाद कई प्रोडक्ट्स लॉन्च किए हैं। कंपनी ने पिछले साल D2C ब्रांड सोनेट की लॉन्चिंग के साथ प्रीमियम कॉफी स्पेस में कदम रखा था। छह महीने बाद कंपनी मोका पॉट लॉन्च किया। इसके पीछे सोशल मीडिया पर कंज्यूमर डिमांड की समझ थी।