Vedanta Q2 Results : वेदांता लिमिटेड ने आज 4 नवंबर को मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के नतीजों का ऐलान किया है। जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी को 915 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ है। कंपनी ने एक साल पहले की समान अवधि में 2,690 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया था। उद्योगपति अनिल अग्रवाल की कंपनी ने शनिवार को बताया कि नई कर दर अपनाने से एकमुश्त भारी खर्चा आने से यह घाटा हुआ। वेदांता के शेयरों में बीते शुक्रवार को 1.33 फीसदी की तेजी देखी गई और यह स्टॉक 232.20 रुपये के भाव पर बंद हुआ है।
सितंबर तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू भी मामूली 6.4 फीसदी बढ़कर 38,546 करोड़ रुपये हो गया। यह दूसरी तिमाही में अब तक का सबसे अधिक है। यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 36,237 करोड़ रुपये के रेवेन्यू से भी अधिक है। तिमाही आधार पर रेवेन्यू में 16 फीसदी का उछाल आया है।
कंपनी ने ऑपरेशनल मोर्चे पर भी बेहतर प्रदर्शन किया। दूसरी तिमाही में इसका EBITDA मार्जिन बेस पीरियड में 20.1 फीसदी से बढ़कर 28.7 फीसदी हो गया। वेदांता का ऑपरेटिंग प्रॉफिट या EBITDA भी सालाना 52.2 फीसदी बढ़ गया, जो ₹11,080 करोड़ पर पहुंच गया। यह पिछले वित्तीय वर्ष की इसी तिमाही के दौरान रिपोर्ट किए गए ₹7,282 करोड़ से अधिक है। यह दूसरी तिमाही में अब तक का सबसे अधिक ऑपरेटिंग प्रॉफिट है।
Hindustan Zinc का कैसा रहा प्रदर्शन
वेदांता की भारतीय जिंक सब्सडियरी कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा बनाती है। इसने तिमाही नेट इनकम में 35% की गिरावट दर्ज की और अनुमान से चूक गई। वेदांता को यह घाटा ऐसे समय में हुआ है जब अग्रवाल अपने ग्रुप में बड़े पैमाने पर बदलाव करने और कारोबार को 6 लिस्टेड यूनिट्स में विभाजित करने की तैयारी कर रहे हैं। निवेशकों की नजर बनी हुई है कि कंपनी अपनी मूल कंपनी वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड को कर्ज चुकाने में मदद करने के लिए नकदी कैसे पैदा करेगी।