वित्त वर्ष 2023 में क्विक कॉमर्स स्टार्टअप जेप्टो (Zepto) का रेवेन्यू 141 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,024 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी के स्टोर और नए ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी से रेवेन्यू में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिली। वित्त वर्ष 2023 में Zepto ने तकरीबन 100 नए स्टोर खोले। साथ ही, इस दौरान काफी ज्यादा कस्टमर्स कंपनी के प्लैटफॉर्म पर पहुंचे। हालांकि, नए स्टोर खोलना कंपनी के लिए काफी महंगा साबित हुआ।
रेगुलेटरी फाइलिंग के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का खर्च बढ़कर 3,350 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 533 करोड़ रुपये था। खर्च में बढ़ोतरी की वजह से जेप्टो का नुकसान सालाना आधार पर 3 गुना बढ़कर 1,272 करोड़ रुपये हो गया।
वित्त वर्ष 2022 में कंपनी को 390 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। नुकसान के बारे में पूछे जाने पर कंपनी के को-फाउंडर और CEO आदित पलीचा (Aadit Palicha) ने मनीकंट्रोल (Moneycontrol) को बताया कि नुकसान में बढ़ोतरी की मुख्य वजह नए स्टोर्स का खुलना है। उन्होंने कहा कि पहले 12-15 महीनों के दौरान नए स्टोर को पैसों की जरूरत होती है और 19वें महीने से ऑपरेटिंग लॉस की भरपाई होने लगती है।
जेप्टो इस साल भारत की पहली यूनिकॉर्न है और इसने 20 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। मुंबई की इस स्टार्टअप की अन्य इनकम में बढ़ोतरी दखने को मिली, जो मुख्य तौर पर ऐप पर चलने वाले विज्ञापनों से हासिल हुई। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी की अन्य इनकम बढ़कर 53 करोड़ रुपये हो गई, जो वित्त वर्ष 2022 में महज 1.7 करोड़ रुपये थी। पलीचा ने बताया, ' विज्ञापनों से होने वाली आय का आंकड़ा हमारे बिजनेस की ग्रोथ से ज्यादा है और वित्त वर्ष 2024 में भी यही ट्रेंड देखने को मिल सकता है।'
उनका यह भी कहना था कि मौजूदा वित्त वर्ष में जेप्टो के रेवेन्यू में कम से कम दो गुना बढ़ोतरी होगी और कंपनी के कैश बर्न रेट में गिरावट जारी रहेगी।