Paytm Q2 results: फिनटेक फर्म पेटीएम का शुद्ध घाटा सितंबर तिमाही में करीब आधा कम होकर 292 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी ने 571.5 करोड़ रुपये रहा था। ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV), मर्चेंट सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू और लोन बिजनेस में बढ़ोतरी से कंपनी को अपना घाटा कम करने में मदद मिली है। Paytm का सितंबर तिमाही में रेवेन्यू 32 फीसदी बढ़कर 2,519 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1,914 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी का प्रत्यक्ष खर्च सितंबर तिमाही में 1,093 करोड़ रुपये रहा।
पेटीएम ने शेयर बाजारों को भेजी एक सूचना में बताया, "हमने सितंबर तिमाही में 32% रेवेन्यू ग्रोथ की अपनी रफ्तार जारी रखी है। यहां ये बताना जरूरी है पिछले साल फेस्विट सीजन में हुई ऑनलाइन बिक्री के आंकड़े तीसरी तिमाही में आएंगे। जबकि पिछले साल अधिकतर बिक्री दूसरी तिमाही में ही रही थी।"
तिमाही आधार पर पेटीएम का रेवेन्यू मामूली रूप से 7 फीसदी बढ़ा। इसका जून तिमाही में रेवेन्यू 2,341 करोड़ रुपये रहा। वहीं कंपनी का शुद्ध घाटा जून तिमाही में 358 करोड़ रुपये रहा था।
Paytm का एंप्लॉयी स्टॉक ऑप्शन प्रोग्राम (ESOP) पर खर्च सितंबर तिमाही में 385 करोड़ रुपये रहा। वहीं इसका कुल खर्च 14 फीसदी बढ़कर 2,936 करोड़ रुपये रहा।
कंपनी का पेमेंट बिजनेस से रेवेन्यू 28 प्रतिशत बढ़कर 1,524 करोड़ रुपये रहा। वहीं नेट पेमेंट मार्जिन करीब 60% बढ़कर 707 करोड़ रुपये हो गया। मर्चेंट सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू में बढ़ोतरी और लोन बिजनेस में उछाल के कारण, न सिर्फ कंपनी का नेट इंटरेस्ट मार्जिन बढ़ा है, बल्कि सभी कारोबारी मोर्चों पर इसका प्रदर्शन बेहतर दिख रहा है।
30 सितंबर को समाप्त हुई तिमाही में कंपनी का कैश बैलेंस बढ़कर 8,754 करोड़ रुपये हो गया, जो इसके जून तिमाही के अंत में 8,367 करोड़ रुपये था।