Vedanta Resources (VRL) ने 7 फरवरी को बॉन्ड्स के निवेशकों को रिपेमेंट कर दिया है। कपनी ने 9 फरवरी को यह जानकारी दी। वीआरएल वेदांता ग्रुप की कंपनी है, जिसके प्रमुख अनिल अग्रवाल हैं। वीआरएल वेदांता ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है। इस साल की शुरुआत में कंपनी ने बॉन्ड निवेशकों की सहमति मिलने के बाद 3.2 अरब डॉलर के बॉन्ड्स की मैच्योरिटी साल 2029 तक के लिए बढ़ा दी थी। मनीकंट्रोल ने 5 दिसंबर को बताया था कि वीआरएल 2024 और 2025 में मैच्योर होने वाले बॉन्ड्स के पेमेंट के लिए कुछ ग्लोबल प्राइवेट क्रेडिट फंडों के साथ 1.2 अरब डॉलर के लोन के लिए समझौता करेगी।
वीआरएल ने 14 दिसंबर को एक बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था कि उसने 1.25 अरब डॉलर के लोन के लिए प्राइवेट क्रेडिट लेंडर्स से समझौते किए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल कर्ज को चुकाने और नई क्रेडिट फैसिलिटी के लिए किया जाएगा। यह भी बताया गया था कि यह लोन अप्रैल 2026 में मैच्योर होगा। इस लोन के लिए वीआरएल और कुछ सब्सिडियरी कंपनियों ने गारंटी दी है।
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वेदांता ग्रुप को जनवरी में 1 अरब डॉलर के बॉन्ड्स का रिपेमेंट करना है। इसका इंटरेस्ट 13.87 फीसदी है। 1 अरब डॉलर के बॉन्ड्स अगस्त में मैच्योर होंगे। इसका इंटरेस्ट रेट 6.12 फीसदी है। 1.2 अरब डॉलर के बॉन्ड्स मार्च 2025 में मैच्योर होंगे। इसका इंटरेस्टट रेट 8.95 फीसदी है। वीआरएल ने 9 जनवरी को कहा, "वीआरएल इस बात से खुश है कि बॉन्ड्स के रिपेमेंट के बाद आगे वीआरएल के डेट मैच्योरिटी को लेकर दिक्कत नहीं आएगी।"
वेदांता ग्रुप ने पिछले साल सितंबर में अपनी कंपनियों की रिस्ट्रक्चरिंग की थी। कुछ कंपनियों का डीमर्जर किया गया था। इसका मकसद इंडिपेंडेंट वर्टिकल बनाना था। कंपनी का मानना है कि मेटल, पावर, अल्युमीनियम, आयल एंड गैस बिजनेस की रिस्ट्रक्चरिंग से इनकी वैल्यू बढ़ेगी।