Bandhan Bank के सीईओ चंद्रशेखर घोष ने लोन एवरग्रीनिंग की खबरों को झूठा बताया, जानिए पूरा मामला

12 फरवरी को बंधन बैंक के स्टॉक्स में बड़ी गिरावट आई थी। खबर थी कि नेशनल गारंटी ट्रस्टी कंपनी बंधन बैंक का ऑडिट करेगी। 13 फरवरी को भी बंधन बैंक के स्टॉक्स आधा फीसदी से ज्यादा गिरावट के साथ बंद हुए

अपडेटेड Feb 13, 2024 पर 3:54 PM
Story continues below Advertisement
एनसीजीटीसी की ऑडिट के बारे में घोष ने कहा कि यह सिर्फ उस प्रोसेस का हिस्सा है, जिसके तहत बैंक की तरफ से किए गए क्लेम को वेरिफाय किया जाता है।

Bandhan Bank के एमडी और सीईओ चंद्रशेखर घोष (Chandrashekhar Ghosh) ने लोन एवरग्रीनिंग की खबरों को झूठा कहा है। उन्होंने कहा कि उनके बैंक ने कभी ऐसा नहीं किया। जब कोई बैंक पुराना लोन चुकाए बगैर ग्राहक को नया लोन देता है तो इसे लोन एवरग्रीनिंग कहा जाता है। बंधन बैंक का मुख्यालय कोलकाता है। RBI ने पिछली बार जिन फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस को बैंकिंग सेवाओं का लाइसेंस दिया था, उनमें बंधन बैंक शामिल था। बैंकिंग लाइसेंस मिलने से पहले यह माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (MFI) था। बंधन बैंक के शेयर स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध हैं।

एक लोन चुकाने के बाद दूसरा लोन

घोष ने कहा कि बंधन बैंक अपने माइक्रोलोन कस्टमर्स को तभी दूसरा लोन देता है, जब पहले दिया गया लोन पूरी तरह चुका दिया जाता है। उन्होंने मनीकंट्रोल को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा, "अगर अगर पिछले 23 साल के रिकॉर्ड को देखें तो बंधन बैंक ने हमेशा एक ग्राहक को एक लोन दिया है। हमारा मानना है कि जब तक पहला लोन चुका नहीं दिया जाता ग्राहक दूसरा लोन लेने के लिए एलिजिबल नहीं है। इसका मतलब है कि एवरग्रीनिंग की कोई गुंजाइश नहीं है।"


यह भी पढ़ें: सर्वर एक्सेस करने के मामले में SEBI ने खारिज की NSE की सेटलमेंट याचिका

एनसीजीटीसी बंधन बैंक का ऑडिट कर रही है

बंधन बैंक के सीईओ का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब मीडिया की खबरों में कहा गया है कि नेशनल गारंटी ट्रस्टी कंपनी (NCGTC) बंधन बैंक के 20,800 करोड़ रुपये के माइक्रोलोन पोर्टफोलियो की ऑडिट कर रही है। वह इंश्योरेंस क्लेम के लिए फर्जी अकाउंट्स बनाने और लोन एवरग्रीनिंग के कथित आरोपों की जांच कर रही है। घोष ने कहा कि बड़े अमाउंट के लोन के मामले में भी बैंक की पॉलिसी यह है कि जब तक पुराना लोन चुका नहीं दिया जाता तब तक नया लोन नहीं दिया जाएगा।

बंधन बैंक ने 20,800 करोड़ लोन का इंश्योरेंस कराया था

एनसीजीटीसी की ऑडिट के बारे में घोष ने कहा कि यह सिर्फ उस प्रोसेस का हिस्सा है, जिसके तहत बैंक की तरफ से किए गए क्लेम को वेरिफाय किया जाता है। इसका दूसरा मतलब नहीं लगाया जाना चाहिए। बैंक ने 12 फरवरी को कहा था कि उसे भरोसा है कि क्रेडिट गारंटी फंड फॉर माइक्रो यूनिट्स (CGFMU) में किए गए उसके क्लेम का सेटलमेंट हो जाएगा। बंधन बैंक ने 20,800 करोड़ रुपये के लोन पोर्टफोलियो का इंश्योरेंस कराया था।

917 करोड़ रुपये का क्लेम सेटल

इस इंश्योरेंस के लिए बंधन बैंक ने सीजीएफएमयू को वित्त वर्ष 2020-21 में इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) के तहत 1,950 करोड़ रुपये का पेमेंट किया था। इससे पहले उसने स्पष्ट किया था कि सीजीएफएमयू इंश्योरेंस के तहत बैंक मैक्सिमम इंश्योर्ड अमाउंट का 15 फीसदी क्लेम कर सकता है। अब तक उसने एनसीजीटीसी से 917 करोड़ रुपये का क्लेम लिया है। उसके बाद उसने अतिरिक्त 1,296 करोड़ रुपये का क्लेम किया था।

लगातार दूसरे दिन शेयर गिरे

बंधन बैंक के शेयर में 12 फरवरी को बड़ी गिरावट आई थी। 13 फरवरी को भी इस स्टॉक पर दबाव देखने को मिला। इस शेयर की कीमत कारोबार खत्म होने पर 0.52 फीसीद गिरकर 199.65 रुपये थी।

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Feb 13, 2024 3:46 PM

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।