सोयाबीन में एकबार फिर जोरदार गिरावट देखने को मिल रही है। NCDEX पर पिछले 3 ट्रेडिंग सेशन में सोयाबीन 10 फीसदी से ज्यादा फिसल गया है। दरअसल पोल्ट्री इंडस्ट्री एसोसिएशन ने सरकार से सोया DOC की इंपोर्ट समयसीमा बढ़ाने की मांग की है, जिसके बाद सोयाबीन लगातार फिसल रहा है। हालांकि पोल्ट्री इंडस्ट्री की डिमांड पर SOPA यानी Soyabean Processors Association of India ने विरोध भी जताया है।
सोयाबीन पिछले 3 ट्रेडिंग सेशन में 10% टूटा है। पोल्ट्री इंडस्ट्री की इंपोर्ट बढ़ाने की मांग का असर देखने को मिल रहा है। पोल्ट्री इंडस्ट्री की मार्च 2022 तक समयसीमा बढ़ाने की मांग है। SOPA ने इंपोर्ट समयसीमा बढ़ाने की मांग का विरोध किया है। पिछले सीजन 12 लाख टन सोया DOC इंपोर्ट की अनुमति मिली थी।
पोल्ट्री एसोसिएशन ने सरकार को चिट्ठी लिख सोया DOC इंपोर्ट की समयसीमा बढ़ाने की मांग की है। इंपोर्ट समयसीमा 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने की मांग की है। भाव पर काबू के लिए इंपोर्ट समयसीमा बढ़ाना जरूरी है। सट्टेबाजी, जमाखोरी पर लगाम के लिए कदम जरूरी है।
SOPA इंपोर्ट बढ़ाने के खिलाफ
इस बीच SOPA इंपोर्ट बढ़ाने के खिलाफ है। घरेलू सोयाबीन उत्पादन में 15% की बढ़ोतरी हुई है। SOPA का कहना है कि उत्पादन बढ़ने से डिमांड-सप्लाई नियंत्रण में है। इंपोर्ट समयसीमा बढ़ाने से भारी नुकसान होगा है। सोयाबीन की खेती पर भी असर पड़ सकता है। सरकार की ऑयलसीड मिशन को झटका लगेगा। पोल्ट्री इंडस्ट्री की 90 लाख टन डिमांड की बात निराधार है।