1 फरवरी तक सरसों की बुआई 5% बढ़ी है। सरसों की बुआई 100.39 लाख हेक्टेयर में हुई है। पिछले साल बुआई 95.76 लाख हेक्टेयर में हुई थी। कुछ राज्यों में बुआई में गिरावट आई है। इस साल गुजरात, राजस्थान में बुआई घटी है। किसानों ने दूसरी फसलों की खेती शुरू की है। जबकि MSP से भी कम भाव मिलने से बुआई घटी है।
देश में सरसों की बुआई के आंकड़ों पर नजर डालें तो 1 फरवरी 2022 को देश में 95.76 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुआई हुई है। जबकि 2023 में 100.39 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुआई हुई थी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेशमें सरसों की बुआई 27% बढ़ी है जबकि हरियाणा में 5% और मध्य प्रदेश में 5% और राजस्थान में 1% बुआई बढ़ी है।
मार्च तक आवक बढ़ने पर सरसों के भाव में आएगी कमी
Mustard Oil Producers Association (MOPA) के ज्वाइंट सेक्रेटरी अनिल छतर का कहना है कि राज्स्थान, गुजरात में सरसों की बुआई घटी है। 125 लाख टन सरसों के उत्पादन की उम्मीद है। किसानों को पिछले साल फसल का दाम नहीं मिला। पिछले साल MSP से भी कम भाव मिले। मंडियों में सरसों के भाव MSP से 20% कम हैं, सरकार से इंडस्ट्री को 20% इंसेंटिव देने की मांग है। मार्च तक आवक बढ़ने पर सरसों के भाव 5-7 रुपये प्रति किलो गिर सकते हैं।
अनिल छतर का कहना है कि 15-20 फरवरी के करीब 5 लाख बोरी की आवक आएगी। पूरे साल सरसों की कीमतों में दबाव दिख सकता है। सरकार इंडस्ट्री को 20% इंसेंटिव देने की मांग है जबकि मंडियों में सरसों के भाव MSP से 20% कम हैं।
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