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Fuel Price in India: कब तक सस्ता होगा तेल, पेट्रोलियम मिनिस्टर ने किया खुलासा

Fuel Price in India: पेट्रोल और डीजल की महंगाई से परेशान लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के भाव नीचे आने पर अब उन्हें राहत मिल सकती है। अब इस संभावना को लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बड़ा बयान भी दे दिया है। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये प्रति लीटर है और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर है

अपडेटेड Jan 03, 2024 पर 8:05 PM
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तीनों सरकारी तेल कंपनियों इंडियन ऑयल (Indian Oil), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने पिछले 21 महीनों से पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है।

Fuel Price in India: पेट्रोल और डीजल की महंगाई से परेशान लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के भाव नीचे आने पर अब उन्हें राहत मिल सकती है। अब इस संभावना को लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बड़ा बयान भी दे दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल कीमतों में आई नरमी के बीच पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की संभावना पर उन्होंने आज कहा कि वैश्विक बाजार इस समय 'बहुत अशांत' है और किसी भी कटौती से पहले इसे स्थिर होना होगा। पेट्रोल और डीजल की कीमतें अप्रैल 2022 से ही स्थिर बनी हुई हैं। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये प्रति लीटर है और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर है।

तेल कंपनियों के साथ नहीं हुई कोई चर्चा

तीनों सरकारी तेल कंपनियों इंडियन ऑयल (Indian Oil), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने पिछले 21 महीनों से पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम का देश के करीब 90 फीसदी घरेलू पेट्रोलियम बाजार पर नियंत्रण है। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से जब पूछा गया कि खुदरा कीमतों में कटौती को लेकर तेल कंपनियों के साथ कोई बातचीत हुई है या नहीं तो उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी मुद्दे पर तेल बेचने वाली कंपनियों के साथ कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि तेल कंपनियां ईंधन मूल्य निर्धारण के बारे में अपना फैसला खुद करती हैं और वे इसे लेकर सरकार से नहीं पूछती हैं।


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क्यों नहीं हो पा रहा तेल सस्ता

केंद्रीय मंत्री ने रुस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-हमास जंग का जिक्र करते हुए कहा कि इस समय बहुत अशांति फैली हुई है और दो जगहों पर लड़ाई चल रही है। उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक समुद्री परिवहन का 12 फीसदी, तेल का 18 फीसदी और एलएनजी व्यापार का 4-8 फीसदी लाल सागर और स्वेज नहर के जरिये ऑपरेट होता है। लाल सागर में जहाजों पर हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में उछाल आया था लेकिन बाद में दरें कम हो गई हैं। हालांकि दरें कम होने के बावजूद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिलहाल पहला काम तेल की उपलब्धता और किफायत को सुनिश्चित करना है।

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