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Ethanol के लिए अब और पैसे देंगी तेल कंपनियां, इस कारण लिया फैसला

देश की तेल जरूरतों का 85 फीसदी हिस्सा अभी विदेशों से आता है जिससे सरकारी खजाने पर जोर पड़ता है। वहीं एथेनॉल की बात करें तो भारत विश्व का पांचवां सबसे बड़ा इथेनॉल उत्पादक है तो इसे पेट्रोल में मिलाकर इस्तेमाल करने से न सिर्फ ग्रीन इकॉनमी का रास्ता मजबूत होगा बल्कि सरकारी खजाने पर बोझ भी हल्का होगा। पेट्रोल में 10 फीसदी एथेनॉल मिलाने का एक लक्ष्य हासिल हो चुका है

अपडेटेड Dec 29, 2023 पर 8:56 PM
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मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस ने आज कहा कि C Molasses सुगर फैक्ट्री का एक बाई प्रोडक्ट है और इसका इस्तेमाल एथेनॉल बनाने में हो सकता है जो ग्रीन इकॉनमी को बढ़ावा देने का प्रभावी तरीका है।

एथेनॉल का प्रोडक्शन बढ़े और पेट्रोल में मिलाने के लिए यह अधिक से अधिक उपलब्ध हो, इसके लिए सरकारी तेल कंपनियों ने इसका खरीद भाव बढ़ा दिया है। 2023-24 सप्लाई सीजन के लिए सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने सी हैवी मोलैसेज से बनी एथेनॉल की खरीद को प्रति लीटर 6.87 रुपये बढ़ा दिया है। इस बढ़ोतरी के बाद अब इसका भाव प्रति लीटर 56.28 रुपये हो गया। सरकारी तेल कंपनियों का यह कदम पीएम मोदी के लक्ष्य के मुताबिक ही है जिसके तहत वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल करना है। अभी यह 10% पर है।

Ethanol के जरिए Green Economy को मिलेगा बढ़ावा

मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस ने आज कहा कि C Molasses सुगर फैक्ट्री का एक बाई प्रोडक्ट है और इसका इस्तेमाल एथेनॉल बनाने में हो सकता है जो ग्रीन इकॉनमी को बढ़ावा देने का प्रभावी तरीका है। एथेनॉल बॉयोफ्यूल है और इसे मक्का, कृषि अवशेष जैसे कि मक्के और अनाज की खाल और कुछ हैवी मोलैसेज से बनाया जाता है। हैवी मोलैसेज शुगर बनाने की प्रक्रिया में एक बाई प्रोडक्ट है।


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दुनिया का पांचवा सबसे एथेनॉल उत्पादक है भारत

देश की तेल जरूरतों का 85 फीसदी हिस्सा अभी विदेशों से आता है जिससे सरकारी खजाने पर जोर पड़ता है। वहीं एथेनॉल की बात करें तो भारत विश्व का पांचवां सबसे बड़ा इथेनॉल उत्पादक है तो इसे पेट्रोल में मिलाकर इस्तेमाल करने से न सिर्फ ग्रीन इकॉनमी का रास्ता मजबूत होगा बल्कि सरकारी खजाने पर बोझ भी हल्का होगा। पेट्रोल में 10 फीसदी एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल हो चुका है और अब अगला लक्ष्य 20 फीसदी ब्लेडिंग यानी पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल मिलाने का है। सरकार इस लक्ष्य को लेकर काफी उत्साहित है। हालांकि इंडस्ट्री के दिग्गजों का मानना है कि इस लक्ष्य को हासिल करने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

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