8 जुलाई को गोल्ड का भाव: जून में गोल्ड में 3.30 पर्सेंट की गिरावट रही। हालांकि, जुलाई में गोल्ड में तेजी देखने को मिल रही है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की चिंताओं के बावजूद बार्गेन बाइंग से गोल्ड को सहारा मिला है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में अगस्त एक्सपायरी का गोल्ड फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट 7 जुलाई को 0.65 पर्सेंट यानी 391 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़त पर बंद हुआ। हालांकि, यह तेजी ऐसे समय में देखने को मिली है, जब MCX पर गोल्ड तीन महीने में सबसे कम यानी 58,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था।
गोल्ड की कीमतों में इस तरह का ट्रेंड क्यों है, इस बारे में एसीएमई इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स (Acme Investment Advisors) में एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर एंड चीफ स्ट्रैटजिस्ट सुगंधा सचदेव ने बताया, 'जून में तकरीबन 3.30 पर्सेंट की गिरावट के बाद जुलाई के पहले हफ्ते में गोल्ड की कीमतों में तेजी रही। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की चिंताओं की वजह से गोल्ड में लंबे समय तक सुस्ती बनी रही। हालांकि, सुस्ती की वजह से निचले स्तर पर खरीदारी में तेजी और अमेरिका लेबर मार्केट में शांति और डॉलर इंडेक्स में गिरावट से सोने में तेजी लौटी।'
उनका कहना था, 'इससे पता चलता है कि लेबर मार्केट अभी भी मजबूत बना हुआ है, लेकिन स्लोडाउन के कुछ संकेत दिख सकते हैं। इससे फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी को लेकर चिंताएं भी कम हुई हैं। इससे सोने की कीमतों को सहारा मिला है। सोने को महंगाई दर और ऊंची ब्याज दरों के जोखिम से बचाव का साधन माना जाता है।'
निकट भविष्य में गोल्ड की कीमतों में फिर से तेजी के बारे में सीनियर कमोडिटी रिसर्च एनालिस्ट नृपेन्द्र यादव का कहना था, 'गोल्ड में गिरावट का सिलसिला फिलहाल थम गया है और कॉमेक्स फ्यूचर्स में यह 1900 डॉलर प्रति औंस पर बना हुआ है। MCX गोल्ड ने पिछले हफ्ते 0.5 पर्सेंट की बढ़ोतरी हासिल की और कीमतें 58,500 रुपये प्रति 10 ग्राम रहीं। बीते हफ्ते सिल्वर (चांदी) 0.4 पर्सेंट की गिरावट के साथ 70,300 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ।'
स्वास्तिका इनवेस्टमेंट के एक्सपर्ट का कहना है कि पिछले हफ्ते ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी के बावजूद डॉलर दबाव में रहा। डॉलर और गोल्ड के भाव एक-दूसरे से उल्टी दिशा में चलते हैं। दरअसल, कच्चे तेल की कीमतें बढ़ाने के मकसद से दुनिया के बड़े ऑयल एक्सपोर्टर्स मसलन सऊदी अरब और रूस ने तेल की सप्लाई में कटौती की है। अमेरिकी जॉब डेटा भी उम्मीद से कमजोर रहा है। साथ ही, ग्लोबल स्टॉक मार्केट में सुस्ती से गोल्ड का आकर्षण बन रहा है।
गोल्ड प्राइस के आउटलुक के बारे में सुगंधा सचदेव का कहना था, 'आने वाले समय में गोल्ड का बेस रेट 1,890 डॉलर प्रति औंस और 57,500 से 57,600 रुपये प्रति 10 ग्राम रह सकता है और यहां से तेजी भी दिख सकती है। यह तेजी आने वाले हफ्ते में भी बनी रह सकती है। हमें निकट भविष्य में गोल्ड की कीमत 59,200 से 59,250 रुपये प्रति 10 ग्राम रहने का अनुमान है।'