गोल्ड (Gold) में 4 जुलाई को हल्की तेजी दिखी। कमोडिटी एमसीएक्स (MCX) में गोल्ड फ्यूचर्स 12:09 बजे 93 रुपये यानी 0.16 फीसदी की तेजी के साथ 58,367 रुपये प्रति 10 ग्राम था। विदेश में गोल्ड फ्यूचर्स 1,929 डॉलर प्रति औंस था। इनवेस्टर्स को अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की जून में हुई बैठक के मिनट्स का इंतजार है। इसके 5 जुलाई को आने की उम्मीद है। इससे इस महीने फेडरल रिजर्व की पॉलिसी के बारे में संकेत मिलेंगे। अमेरिकी में इंटरेस्ट रेट बढ़ने की उम्मीद से डॉलर में मजबूती है। इसका असर गोल्ड पर पड़ रहा है।
गोल्ड में इस लेवल पर सपोर्ट
3 जुलाई को गोल्ड में हल्की तेजी देखने को मिली थी। गोल्ड में खरीदारी कम रही। इसकी वजह यह है कि कुछ बायर्स को इस महीने अमेरिका में इंटरेस्ट रेट में कमी होने की उम्मीद है। इसलिए खरीदार फेडरल रिजर्व की पॉलिसी का इंतजार करना चाहते हैं। ब्रोकरेज फर्म IIFL के कमोडिटी एनालिस्ट अनुज गुप्ता ने बताया कि गोल्ड में 58,000 रुपये पर स्ट्रॉन्ग सपोर्ट है। इस लेवल के टूटने के बाद अगला सपोर्ट 57,700 रुपये पर है। पहला रेसिस्टेंस 58,500 रुपये पर है। उसके बाद इसे 58,800 रुपये पर रेसिस्टेंस मिलेगा।
गोल्ड में खरीदारी की सलाह
गुप्ता ने कहा कि 4 जुलाई को 57,900-58,000 के लेवल पर सोना खरीदा जा सकता है। इसके लिए स्टॉपलॉस 57,700 रुपये पर लगाना होगा। इसके लिए टारगेट 58,500-58,700 रुपये प्रति 10 ग्राम होगा। उन्होंने कहा कि ग्लोबल मार्केट में गोल्ड 1,930-1,935 डॉलर प्रति औंस का लेवल टेस्ट कर सकता है। गोल्ड को दुनिया में निवेश का सबसे सुरक्षित माध्यम माना जाता है। किसी तरह की क्राइसिस सामने आने पर गोल्ड की खरीदारी बढ़ जाती है। इसके इसकी कीमतों में भी उछाल देखने को मिलता है।
सर्राफा बाजार में सोमवार को हल्की तेजी
उधर, 3 जुलाई को दिल्ली सर्राफा बाजार में गोल्ड की कीमतों में नरमी देखने को मिली थी। सोना 100 रुपये गिरकर 59,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। ग्लोबल मार्केट में गोल्ड में गिरावट का असर इसकी घरेलू कीमतों पर पड़ा था। हालांकि, 3 जुलाई को सिल्वर में तेजी देखने को मिली थी। इसका भाव 120 रुपये चढ़कर 71,200 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ था।