सोने (Gold) की कीमत दो महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है। कमोडिटी एक्सचेंज MCX पर गोल्ड का अगस्त फ्यूचर्स 0.67 फीसदी यानी 398 रुपये गिरकर 58,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था। वैश्विक बाजार में स्पॉट गोल्ड 0.4 फीसदी गिरकर 1,935.09 डॉलर प्रति औंस था। यह 17 मार्च के बाद गोल्ड की सबसे कम वैश्विक कीमत है। रायटर्स के मुताबिक, अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स 1.1 फीसदी गिरकर 1,947.10 डॉलर प्रति औंस था। अमेरिका में केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट नहीं बढ़ाने से गोल्ड में गिरावट आई। फेडरल रिजर्व ने इंटरेस्ट रेट तो नहीं बढ़ाया, लेकिन उसने इस साल इंटरेस्ट रेट बढ़ाने के संकेत दिए हैं।
डॉलर इंडेक्स बढ़ने से सोने में नरमी
कामा ज्वेलरी में एमडी कोलिन शाह ने बताया कि बुधवार को फेडरल रिजर्व की मॉनेटरी पॉलिसी आने के बाद से गोल्ड में मिलाजुला रुख देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा, "फेडरल रिजर्व ने रेट नहीं बढ़ाया, जिसका अनुमान पहले से था। लेकिन, उसने संकेत दिया है कि करेंट साइकिल में वह कम से कम दो बार इंटरेस्ट रेट बढ़ा सकता है। इससे डॉलर इंडेक्स चढ़ा है। यह 103 के लेवल के करीब पहुंच गया है। इससे गोल्ड खरीदना महंगा हो गया है। हालांकि, रुपये में गोल्ड इस साल 7 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है।"
गोल्ड के लिए 1,930 डॉलर पर सपोर्ट
एंजेल वन में नॉन-एग्रो कमोडिटीज एंड करेंसी के डीवीपी रिसर्च प्रथमेश माल्या ने कहा कि गोल्ड के नीचे में 59,040 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार करने की उम्मीद है। अगर यह इस लेवल से नीचे जाता है तो यह 58,930 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। शाह का मानना है कि गोल्ड की कीमतों में स्थिरता रह सकती है। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका में मंदी आती है तो फेडरल रिजर्व के रुख में नरमी आ सकती है। इससे गोल्ड की कीमतों में तेजी आ सकती है। उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार में गोल्ड को 1,930 डॉलर पर सपोर्ट मिल सकता है। रुपये में यह 58,500 रुपये प्रति 10 ग्राम होगा।
मेहता इक्विटीज में कमोडिटीज के वीपी राहुल कलांतरी ने कहा कि गोल्ड के लिए 1,926-1,912 डॉलर प्रति औंस पर सपोर्ट है, जबकि रेसिस्टेंस 1,948-1,960 डॉलर प्रति औंस पर है। रुपये में इसके लिए सपोर्ट लेवल 59,040-58,820 रुपये प्रति 10 ग्राम पर है। रेसिस्टेंस लेवल 59,420-59,590 रुपये प्रति 10 ग्राम पर है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मीडियम टर्म में गोल्ड में थोड़ी गिरावट आ सकती है। यह इसमें निवेश का सही मौका होगा। डायवर्सिफिकेशन के लिहाज से भी गोल्ड में निवेश करना ठीक है। पुराना नियम है कि कुल निवेश का 5 से 10 फीसदी गोल्ड में होना चाहिए।