Gold के प्राइसेज दो महीने के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। इसमें 1,950 डॉलर प्रति औंस से नीचे कारोबार हो रहा है। आस्ट्रेलिया और कनाडा में अचानक इंटरेस्ट रेट्स बढ़ने से गोल्ड दबाव में आ गया है। इसके अलावा अमेरिकी डॉलर में मजबूती और ट्रेजरी यील्ड्स बढ़ने का असर भी गोल्ड पर पड़ा है। MetalFoucs रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में गोल्ड की मांग में 9 फीसदी तक कमी आने की उम्मीद है। दरअसल, केंद्रीय बैंकों ने गोल्ड की खरीदारी घटा दी है। 2022 में उन्होंने गोल्ड की रिकॉर्ड खरीदारी की थी।
एक तरफ गोल्ड की डिमांड घटने की आशंका है तो दूसरी तरफ इसकी सप्लाई बढ़ने का अनुमान है। गोल्ड की सप्लाई 2 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है, जिससे सरप्लस गोल्ड 500 टन तक पहुंच जाएगा। इसके बावजूद गोल्ड के एनुअल प्राइस 5 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। इससे यह ऑल टाइम हाई पर पहुंच जाएगा। 2023 गोल्ड के लिए अच्छा रहा है। अब तक गोल्ड की कीमतों में 7 फीसदी उछाल आ चुका है।
बाजार की मौजूदा परिस्थितियां गोल्ड के लिए चैलेंजिंग लग रही हैं। इसकी कीमतों में गिरावट के पीछे कई वजहें हैं। हालांकि, एनुअल एवरेज प्राइस में अनुमानित वृद्धि से भविष्य में इसकी कीमतों का ट्रेंड बदलने का संकेत है। इनवेस्टर्स की नजरें गोल्ड के प्राइस ट्रेंड पर होंगी। वे गोल्ड की कीमतों की दिशा जानने की कोशिश करेंगे।
मई के मध्य से गोल्ड की कीमतें 1,930-1,980 डॉलर प्रति औंस के बीच रही हैं। इससे गोल्ड में मूवमेंट की कमी का पता चलता है। 8 जून को अहमदबादा में 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 61,300 रुपये प्रति 10 ग्राम रही। मुंबई में 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 61,500 रुपये प्रति 10 ग्राम रही। 8 मई को कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में गोल्ड फ्यूचर्स में कमजोरी देखने को मिली। दोपहर 1:19 बजे इसका भाव 0.08 फीसदी यानी 48 रुपये की कमजोरी के साथ 59,455 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा था।