सोने (Gold) की कीमतों में 4 दिसंबर को जबर्दस्त तेजी दिखी। कीमतें 2,146 डॉलर प्रति औंस की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं। इसका असर गोल्ड की घरेलू कीमतों पर पड़ा। कमोडिटी एक्सचेंज MCX में गोल्ड का प्राइस 4 दिसंबर को 12:14 बजे 0.99 फीसदी की तेजी के साथ 63,739 रुपये प्रति 10 ग्राम था। सुबह कारोबार शुरू होने पर फरवरी एक्सपायरी वाला गोल्ड का फ्यूचर कॉनट्रैक्ट तेजी के साथ खुलने के बाद 64,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। पहली बार गोल्ड ने इस लेवल को छुआ। गोल्ड इस साल 16 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को कहा इंटरेस्ट रेट ज्यादा होने से इकोनॉमी की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। इससे इंटरेस्ट रेट में कमी होने की उम्मीद बढ़ी है। इसका असर गोल्ड की कीमतों पर पड़ा है। डॉलर इंडेक्स में भी नरमी के संकेत हैं। इससे भी गोल्ड को सपोर्ट मिला है।
गोल्ड में तेजी जारी रहने का अनुमान
1 दिसंबर को भी एमसीएक्स में गोल्ड में तेजी देखने को मिली थी। कारोबार के दौरान यह 63,382 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर पहुंच गया था। लेकिन, बाद में इसमें थोड़ी नरमी देखने को मिली थी। कारोबार के अंत में यह 63,355 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड में तेजी जारी रह सकती है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी एंड करेंसी के हेड अनुज गुप्ता ने गोल्ड में अपट्रेंड जारी रहने का अनुमान जताया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मार्केट में गोल्ड के प्राइस 2,126 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच जाने का अनुमान जताया।
2,400 डॉलर तक जा सकता है गोल्ड
अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड का भाव पहली बार 2,100 डॉलर प्रति औंस को पार किया। हालांकि, 4 दिसंबर को रिकॉर्ड बनाने के बाद मुनाफावसूली की वजह से यह 2,111 डॉलर के लेवल से नीचे आ गया। इस साल कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने ज्यादा गोल्ड खरीदा है। इसका असर इसकी कीमतों पर पड़ा है। इस साल सितंबर तक केंद्रीय बैंकों ने शुद्ध रूप से 800 टन सोना खरीदा है, जो एक रिकॉर्ड है। बुल्स अब सोने की कीमतों के लिए 2,240 और 2,400 डॉलर प्रति औंस का टारगेट दे रहे हैं। आम तौर पर जियोपॉलिटिकल रिस्क बढ़ने पर गोल्ड की मांग बढ़ती है, जिसका असर गोल्ड की कीमतों पर पड़ता है। स्थिति सामान्य रहने पर गोल्ड की चमक फीकी पड़ जाती है।