Gold prices : क्या इस दशहरा सोने में करना चाहिए निवेश? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

Gold prices : भारत में सोने की कीमतें में हाल के दिनों में हल्की बढ़त देखने को मिली है। जिसकी मुख्य वजह मध्य पूर्व में मौजूदा भूराजनीतिक तनाव है। इसके अलावा, ऊंची महंगाई दर और दुनिया के तमाम केंद्रीय बैंकों द्वारा की जाने वाली खरीदारी जैसे कारक पिछले कुछ महीनों में सोने के भाव के मेन ड्राइवर रहे हैं। जहां तक स्थानीय कारकों का सवाल है तो उपभोक्ताओ की मजबूत मांग, रुपए की कमजोरी और भारतीय रिजर्व बैंक की खरीदारी की वजह से भी तेजी आई है

अपडेटेड Oct 24, 2023 पर 6:38 PM
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Gold prices : पृथ्वी फिनमार्ट के निदेशक मनोज कुमार जैन का कहना है कि सोना खरीदना हमेशा महंगा लगता है, लेकिन समय बीतने के साथ यह निवेशकों को बेहतर रिटर्न देता है

Gold prices : दशहरा को नया निवेश करने के लिए शुभ समय माना जाता है और सोने को धन और समृद्धि के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। कई भारतीयों का मानना है कि इस दौरान सोना खरीदने से आने वाले साल में सौभाग्य और धन की प्राप्ति होती है। हालांकि, किसी भी निवेश की तरह ही सोना खरीदने का निर्णय भी ठोस तर्क पर आधारित होना चाहिए। तो, क्या इस दशहरे पर सोना खरीदना सही होगा? इस पर विचार करते समय इस बात को भी ध्यान में रखें की सोने की कीमतें सालाना आधार पर करीब 20 फीसदी ऊपर दिख रही है।

भारत में सोने की कीमतें में हाल के दिनों में हल्की बढ़त देखने को मिली है। जिसकी मुख्य वजह मध्य पूर्व में मौजूदा भूराजनीतिक तनाव है। इसके अलावा, ऊंची महंगाई दर और दुनिया के तमाम केंद्रीय बैंकों द्वारा की जाने वाली खरीदारी जैसे कारक पिछले कुछ महीनों में सोने के भाव के मेन ड्राइवर रहे हैं। जहां तक स्थानीय कारकों का सवाल है तो उपभोक्ताओ की मजबूत मांग, रुपए की कमजोरी और भारतीय रिजर्व बैंक की खरीदारी की वजह से भी तेजी आई है।

निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के हेड कमोडिटीज और फंड मैनेजर विक्रम धवन का कहना है कि केंद्रीय बैंक की खरीदारी और सोने की मांग में मजबूती इसके भाव में बढ़त की सबसे अहम वजह रहे हैं। 2022 में, केंद्रीय बैंकों ने 1300 टन से ज्यादा सोना खरीदा, जो 55 साल का रिकॉर्ड है। 2023 की पहली छमाही में, केंद्रीय बैंकों ने लगभग 400 टन खरीदा, जो 20 साल का एक और रिकॉर्ड है। डी-डॉलराइजेशन, री-ग्लोबलाइजेशन और जियोपोलिटिकल तनाव जैसे कारक सोने की मजबूती में योगदान कर रहे हैं। हालांकि, बढ़ते अमेरिकी कर्ज और वोलेटाइल यूएस ट्रेजरी की वजह से केंद्रीय बैंक दूसरी करेंसीज और गोल्ड के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की होल्डिंग्स को कम करने के लिए प्रेरित हो सकती हैं।


मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में कमोडिटी रिसर्च के विश्लेषक मानव मोदी का मानना है कि इजराइल-हमास युद्ध के कारण बाजार में सोने की सुरक्षित निवेश विकल्प होने की अपील बढ़ी है। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की टिप्पणियों से ब्याज दरों में बढ़त कायम रहने को संकेत मिल रहे हैं। ये दो कारण सोने की कीमतों में और तेजी ला सकते हैं। दूसरी ओर, अगर मध्य-पूर्व में स्थितियों में सुधार आता है तो हमें सोने में गिरावट देखने को मिल सकती है। इसी तरह ब्याज दर में बढ़ोतरी की उम्मीदें बढ़ जाती हैं, तो हम सोने की तेजी थमती दिख सकती है।

क्या हो निवेश रणनीति

पृथ्वी फिनमार्ट के निदेशक मनोज कुमार जैन का कहना है कि नवंबर 2018 में सोना 30,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा था और वर्तमान में 60500 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहा है। अमेरिकी डॉलर में देखें तो इस अवधि के दौरान सोना 1,240 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस से बढ़कर 1,980 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस हो गया है। प्रतिशत में देखें तो सोने में डॉलर में मिलने वाला रिटर्न रुपये की तुलना में थोड़ा कम है।

ध्यान रखने की बात है कि मध्य पूर्व में बिगड़ती जियोपॉलिटिकल स्थिति के कारण हाल के दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में उछाल आया है। इसके बावजूद, दुनिया भर में गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की होल्डिंग तीन साल के निचले स्तर पर है। लेकिन इसके बावजूद ये महामारी से पहले के स्तर पर है। इससे पता चलता है कि निवेशक सोने पर अंडरवेट हो सकते हैं और उन्होंने किसी बड़ी घटना या मैक्रो रिस्क निपटने के लिए पर्याप्त रूप से हेजिंग नहीं की है।

कमोडिटी जानकारों का मानना है कि अगले कुछ सालों में, जब ग्लोबल केंद्रीय बैंक अपनी मौद्रिक नीतियों को नरम बनाना शुरू कर देंगे, तो सोने की कीमतों में जोरदार तेजी आएगी क्योंकि डॉलर इंडेक्स 11 महीने के हाई पर और यूएस 10-ईयर बॉन्ड यील्ड 16-सालों के हाई पर है। ये सोने की कीमतों को बढ़ने से रोके हुए हैं।

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पृथ्वी फिनमार्ट के निदेशक मनोज कुमार जैन का कहना है कि सोना खरीदना हमेशा महंगा लगता है, लेकिन समय बीतने के साथ यह निवेशकों को बेहतर रिटर्न देता है। इस दशहरे पर भी, सोना खरीदना एक अच्छा विकल्प है। अगले एक साल में सोना हमें 2200 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस और 2026 तक 2500 डॉलर तक पहुंचता नजर आ सकता। रुपये में देखें तो उम्मीद है कि सोने का भाव अगली दीवाली तक 70000 रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर छू सकता है। वहीं, 2026 तक इसका भाव 85000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो सकता है।

 

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First Published: Oct 24, 2023 12:03 PM

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