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सोने की कीमतों में गिरावट जारी, एक्सपर्ट्स से जानिए क्यों घट रही सोने की चमक?

सुरेंद्र मेहता का कहना है कि नवंबर में ईटीएफ में खरीदारी देखने को मिली थी जबकि दिसंबर में इसमें बिकवाली देखी गई। सोना 1866 डॉलर के स्तर तक गिर सकता है। उनका कहना है कि हाई बनाने के बाद सोने 250-400 डॉलर तक गिरता है। सोने की कीमतों में गिरावट से स्पॉट में खरीदारी बढ़ी है

अपडेटेड Jan 17, 2024 पर 2:20 PM
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डॉलर इंडेक्स 1 महीने की ऊंचाई पर पहुंचा है जिसके चलते सोने-चांदी की कीमतों में दबाव देखने को मिल रहा है।

लगातार दूसरे दिन सोने के भावों में दबाव देखने को मिल रहा है। एमसीएक्स पर सोना 62000 के नीचे लुढ़का है। जबकि एमसीएक्स पर चांदी 72000 के नीचे फिसली है। बता दें कि COMEX पर सोना 2023 डॉलर तक फिसला है। जबकि COMEX पर चांदी $22.79 तक लुढ़की है।

बता दें कि डॉलर इंडेक्स 1 महीने की ऊंचाई पर पहुंचा है जिसके चलते सोने-चांदी की कीमतों में दबाव देखने को मिल रहा है। US की 10 साल की बॉन्ड यील्ड 4% के पार निकली है। अमेरिकी फेड 31 जनवरी को दरों पर फैसला लेगा। जिसका असर सोने-चांदी की कीमतों पर दिखाई दे रहा है।

India Bullion & Jewellers Association के सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ( Surendra Mehta) का कहना है कि नवंबर में ईटीएफ में खरीदारी देखने को मिली थी जबकि दिसंबर में इसमें बिकवाली देखी गई। सोना 1866 डॉलर के स्तर तक गिर सकता है। उनका कहना है कि हाई बनाने के बाद सोने 250-400 डॉलर तक गिरता है। सोने की कीमतों में गिरावट से स्पॉट में खरीदारी बढ़ी है। सोने पर 1992 डॉलर पर पहला सपोर्ट मिल सकता है। सोने का भाव 60,000-61,000 के बीच आने पर खरीदारी बढ़ती है।


इस बीच HDFC Securities के अनुज गुप्ता का कहना है कि डॉलर इंडेक्स 6 महीने के उच्चतम स्तर पर आया है। जिसके चलते सोने के भाव में दबाव देखने को मिला है। 62000 के ऊपर ही सोने में बिकवाली की रणनीति होगी। इसके लिए 62180 रुपये का स्टॉपलॉस लगाए। शॉर्ट टर्म में सोने में गिरावट देखने को मिल सकती है। वहीं सोना 2000 डॉलर का लेवल नीचे की तरफ तोड़ता है तो 1900 डॉलर के लेवल आसानी से देखे जा सकते है।

कच्चे तेल की कीमतों में भी दबाव जारी

इस बीच कच्चे तेल की कीमतों में भी दबाव देखने को मिल रहा है। कच्चे तेल में लगातार तीसरे दिन गिरावट जारी है। ब्रेंट का भाव नीचे फिसला 79 डॉलर के नीचे फिसला है। जबकि WTI 72 डॉलर के नीचे कारोबार कर रहा है। ऑयल टैंकर्स रेड-सी में जाने से बच रहे हैं। मिडिल ईस्ट संकट और गहराया है। ईरान ने इराक, सीरिया पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागे है।

दूसरी तरफ डॉलर में मजबूती के चलते भी कच्चे तेल में दबाव बना है। डॉलर इंडेक्स 1 महीने की ऊंचाई पर पहुंचा है और यह 103 के पार निकला है।

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