घरेलू मार्केट में त्योहारों पर खाने के तेलों के भाव में बड़ी गिरावट आई है। सरकार के ड्यूटी कट के फैसले के बाद खाने के तेलों में प्रति लीटर 10-15 रुपए तक की कमी देखने को मिल रही है लेकिन भारत में ड्यूटी कट से मलेशिया और इंडोनेशिया में कीमतों में मजबूती देखने को मिल रही है। इसके अलावा पावर क्राइसेस से भी खाने के तेलों को सपोर्ट मिल रहा है।
ड्यूटी कटौती के फैसले से खाने के तेल के भाव में नरमी आई है। खाने का तेल 10-15 रुपये प्रति लीटर तक खाने के तेलों के भाव गिरे है। पिछले हफ्ते सरकार ने बड़ी ड्यूटी कट की थी। कई तेलों पर सरकार ने एक्साइज ड्यूटी पूरी तरह खत्म हुई है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मलेशिया, इंडोनेशिया में CPO के भाव बढ़े है। भारत में ड्यूटी कट से कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं खाने के तेलों में ग्लोबल मांग अब भी मजबूत बना हुआ है। बायो डीजल के लिए भी अच्छी मांग से सपोर्ट बना हुआ है। कनाडा में बिनौला की फसल पर असर से खाने के तेल पर सपोर्ट मिल रहा है। पावर क्राइसेस से मिलों के उत्पादन पर असर पड़ा है। त्योहारों पर मजबूत घरेलू डिमांड से भी खाने के तेल को सहारा मिल रहा है।
हाल ही में मूंगफली पर SEA का सर्वे आया है जिसमें गुजरात में मूंगफली की फसल मजबूत रहने का अनुमान जताया है। उत्पादन बढ़कर 38.55 लाख टन संभव है। बुआई घटने के बावजूद उत्पादन बढ़ने का अनुमान है।
वहीं ग्वार में फर्राटा दौड़ जारी है। सिर्फ तीन ट्रेडिंग सेशन में करीब 10% की तेजी देखने को मिली है। NCDEX पर 11,500 पर भाव पहुंचा है। ग्वार जून 2015 के हाई पर कारोबार कर रहा है।
मजबूत ग्लोबल डिमांड से कॉटन में तेजी जारी है। CBOT पर सितंबर 2011 के हाई पर भाव है लेकिन कपास खली में गिरावट देखने को मिल रही है। इधर NCDEX पर कपास खली करीब 2% नीचे कारोबार कर रहा है।