अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल के लिए पिछला हफ्ता बीते 4 महीने में बेहतरीन हफ्ता रहा है। पॉजिटिव आर्थिक आंकड़ों से इस साल कच्चे तेल की मांग मजबूत रहने का भरोसा है। जिसके चलते इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के भाव 2 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गए है। शुक्रवार को WTI क्रूड ऑयल 78 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। जबकि, ब्रेंट क्रूड ऑयल का भाव 84 डॉलर प्रति बैरल के पार निकला है। पिछले हफ्ते इन दोनों बेंचमार्क में क्रमश: 6.35% और 8% की तेजी रही।
इस बीच WTI में भी 78 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है जबकि एमसीएक्स पर कच्चे तेल का भाव 6500 के पार निकला है।
कच्चे तेल में आई तेजी की वजहों पर नजर डालें तो रेड सी में रुसी जहाज पर हूती विद्रोहियों के हमले और अमेरिकी के अच्छे इकोनॉमिक आंकड़ों से इसकी कीमतों में उछाल आया है। बता दें कि ट्रांसफिग्युरा के फ्यूल टैंक पर हमला हुआ। हूती विद्रोहियों ने मिसाइल से हमला किया है। इन सब के बीच चीन में राहत पैकेज की उम्मीद है। 1 फरवरी को OPEC+ की बैठक होने वाली है जिसका भी असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ रहा है।
मोजांबिक से तुअर का इंपोर्ट अटक गया है। दो मोजांबिक फर्म में घमासान से ये परेशानी सामने आई है। इंपोर्ट रुकने से घरेलू बाजार में तुअर दाल के दाम 35 फीसदी तक चढ़ गए है। बता दें कि नई आवक के बाद भी तुअर दाल की कीमतों में तेजी है। सीएनबीसी -आवाज़ ने 26 दिसंबर 2023 को ही इसकी जानकारी थी। आपको बता दें कि अफ्रीका से बड़ी मात्रा में दालों को खरीदकर लाया जाता है । अकेले मोजांबिक की हिस्सेदारी 40% है।
गौरतलब है कि एक्सपोर्ट ट्रेडिंग ग्रुप (ETG) और रॉयल ग्रुप के बीच टेंशन बढ़ी है। घरेलू बाजार में दाम 35 फीसदी तक बढ़ गए। रिटेल बाजार में कीमतें 35 फीसदी और होल सेल मार्केट में भी कीमतें 35 फीसदी बढ़ी है।