एक दिन में कच्चा तेल 2% से चढ़ा है। क्रूड 2 हफ्तों की ऊंचाई पर पहुंचा है। ब्रेंट का भाव 80 डॉलर के पार निकला है। WTI में भी $74 के ऊपर कारोबार कर रहा है। जनवरी में कच्चे तेल का दाम करीब 4 फीसदी चढ़ा है।

एक दिन में कच्चा तेल 2% से चढ़ा है। क्रूड 2 हफ्तों की ऊंचाई पर पहुंचा है। ब्रेंट का भाव 80 डॉलर के पार निकला है। WTI में भी $74 के ऊपर कारोबार कर रहा है। जनवरी में कच्चे तेल का दाम करीब 4 फीसदी चढ़ा है।
रेड सी में हूती विद्रोहियों के हमले जारी है। US, ब्रिटेन ने हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला किया है जिसके चलते भी कच्चे तेल की कीमतों में तेजी जारी है। रेड सी में गहराते संकट से सल्पाई गिरने की आशंका है। इस बीच रूस के नोवाटेक ने बाल्टिक सी टर्मिनल से उत्पादन रोका गया है। यूक्रेन ने बाल्टिक सी टर्मिनल पर ड्रोन से हमला किया है।
एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा का कहना है कि बाजार को 2024 में मांग बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि मांग में 10 लाख बैरल से ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है। रूस का तेल भी बाजार में आ रहा है। ईरान से भारत कच्चा तेल लेना शुरू कर सकता है । मांग ज्यादा बढ़ने पर ही भाव बढ़ सकते हैं। क्रूड का औसत भाव $80 के करीब बना रह सकता है। भारत को सऊदी $2 का डिस्काउंट दे रहा है। चीन से मांग बढ़ने को कोई संकेत नहीं है। नरेंद्र तनेजा ने कहा कि चीन की मांग बढ़ने तक मांग और भाव दोनों में तेजी की उम्मीद कम है। $72-$88 के बीच ब्रेंट का भाव रह सकता है। चुनाव के मद्देनजर अमेरिका भाव बढ़ने देना नहीं चाहता है। अमेरिका क्रूड का भाव $80 के ऊपर नहीं जाने देना चाहता है।
सरकार ने सोने-चांदी पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई
सरकार ने सोने चांदी के स्क्रू-हुक और सिक्कों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है। बढ़ी हुई दरें कल यानी 22 जनवरी से लागू भी हो गई हैं। हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज के संवाददाता असीम मनचंदा ने कहा कि सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक स्क्रू, हुक, सिक्कों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 15% कर दिया है। बता दें कि पहले इंपोर्ट ड्यूटी 12.50% लगती थी।
गौरतलब है कि भारत में गोल्ड और सिल्वर पर फिलहाल कुल इंपोर्ट ड्यूटी 15 फीसदी (10 फीसदी बेसिक कस्टम ड्यूटी + 5 फीसदी एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस (AIDC) है। ड्यूटी में बदलाव 22 जनवरी से लागू हो गई।
NCDEX पर जीरे का भाव 27000 रूपये के नीचे फिसल
वहीं दूसरी तरफ एग्री कमोडिटी पर नजर डालें तो NCDEX पर जीरे का भाव 27000 रूपये के नीचे फिसल गया है और बाजार मान रहा है कि कीमतों में अभी और गिरावट आएगी। जीरे का दाम 13 महीनों के निचले स्तरों पर पहुंचे।NCDEX पर मार्च वायदा 27000 के नीचे आया है। जीरे का अप्रैल वायदा 26000 के नीचे लुढ़का है। लगातार दूसरे महीने कीमतों पर दबाव कायम है।
बता दें कि जीरे का जनवरी में करीब 14% तक लुढ़का है। दिसंबर में कीमतों में 31% की गिरावट आई है। अच्छी फसल की उम्मीद से दबाव बना रहा। राजस्थान, गुजरात में 12 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई है। जीरे की एक्सपोर्ट मांग में तेजी आई। चीन, सीरिया, अफगानिस्तान में उत्पादन गिरा है।
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