Budget 2024 Expectations: 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट काफी अहम है। 1 फरवरी को पेश होना वाला बजट वोट ऑन अकाउंट बजट होगा। वित्त मंत्री पहले ही कह चुकी है कि इस बार बजट को लेकर बहुत ज्यादा उम्मीदें ना की जाए। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और एग्रीकल्चर ये दो ऐसे मुद्दे है जहां माना जा रहा है कि इस बार भी बजट में कुछ ना कुछ इस सेक्टर के लिए जरुर निकलकर आएगा। ऐसे में कमोडिटी मार्केट को इस बा बजट को लेकर क्या उम्मीदें है इसी पर चर्चा करने के लिए सीएनबीसी-आवाज के साथ मौजूद है GJC के चेरयमैन संयम मेहरा (Saiyam Mehra), CPAI चेयरमैन नरिंदर वाधवा।
गोल्ड मॉनिटाइजेशन स्कीम को बढ़ावा मिले
GJC के चेरयमैन संयम मेहरा का कहना है कि हमने सरकार से कस्टम ड्यूटी में कटौती की मांग की है। साथ ही हमारी मांग है कि सरकार गहनों की खरीद में EMI की सुविधा मिले। पुराने सोने की कैश लिमिट को बढ़ाने की मांग है। साथ ही वित्त मंत्री से ज्वेलर्स की कैपिटल गेन टैक्स हटाने की मांग की।
उन्होंने आगे कहा कि गोल्ड मॉनिटाइजेशन स्कीम को बढ़ावा मिले। देश में 800 टन सोना सालाना इंपोर्ट होता है। गोल्ड मॉनिटाइजेशन स्कीम से इंपोर्ट घटेगा। सोने का सालाना इंपोर्ट घटकर 400 टन हो जाएगा। वित्त मंत्री से क्रेडिट कार्ड पर कमीशन को भी घटाने की मांग की है। अभी क्रेडिट कार्ड पर बैंक 2.5% कमीशन लेते हैं। रिटेलर्स को भी अशोक चक्र वाले सिक्कों बेचने की मंजूरी मिले। सरकार आंत्रप्रेन्युअर के लिए कोलैटरल फ्री लोन की सीमा बढ़े। कोलैटरल फ्री लोन की सीमा `2 Cr से बढ़ाकर `5 करोड़ रुपये हो।
उनका कहना है कि हॉलमार्किंग लागू होने से इंडस्ट्री को फायदा हुआ है। गिफ्ट सिटी के आने से भी इंडस्ट्री को फायदा हुआ। पहले ई-कॉमर्स का कारोबार 7-8% था लेकिन अब ई-कॉमर्स का कारोबार बढ़कर 12-13% हो गया है। डिजिटाइजेशन से लोगों की सुविधा बढ़ रही है। रिटेलर्स आसानी से एक्सचेंज की सुविधा दे रहे हैं।
मौजूदा भाव 1-2% कम पर पुराने सोने का एक्सचेंज हो। ई-कॉमर्स ज्वेलरी इंडस्ट्री सालाना 20% की दर से बढ़ रही है। सोने के सिक्कों, बुलियन की बिक्री घटी रही है। हॉलमार्किंग लागू होने से गहनों की बिक्री बढ़ रही है। 11 महीनों तक की स्कीम को सरकार से मंजूरी है। 11 महीनों तक ज्वेलर के पास पैसा जमा करवाल सकते हैं। 12वें महीने उस पैसे से गहने ज्वेलर से खरीद सकते हैं। डिजिटल गोल्ड भी निवेश के लिए अच्छा विकल्प है। छोटे-छोटे निवेश से सोना खरीदना आसान हो जाता है।
बैन एग्री वायदा शुरू करने की मांग
CPAI चेयरमैन नरिंदर वाधवा ने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार से बैन एग्री वायदा शुरू करने की मांग की। कटाई के बाद किसानों को फसल बेचने का तनाव होता है। ऐसे में चाहिए कि सरकार किसानों का तनाव कम करने पर काम करें। मंडियों के पास स्टोरेज की सुविधा बनाने की होनी चाहिए। PPP मॉडल पर स्टोरेज की सुविधा देना संभव है। NRI के लिए कमोडिटी बाजार खोले जाने चाहिए। नरिंदर वाधवा का कहना है कि अर्थव्यवस्था के विकास में कमोडिटी की बड़ी भूमिका होती है। कॉमर्शियल बैंकों को भी बाजार में भागीदारी की मंजूरी मिले। कॉस्ट ऑफ ट्रांजैक्शन भी कम करने की मांग है। एक्सचेंज के जरिए डिलीवरी iGST के तहत टैक्स लगे। बाजार में नए कमोडिटी वायदा लाने की जरूरत है। इलेक्ट्रिसिटी, कार्बन क्रेडिट वायदा लाने की मांग है। कमोडिटी बाजार में अपार संभावनाएं हैं।
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