ITR Filing Deadline: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई 2023 है। ये समय ऐसा है जब ज्यादातर टैक्सपेयर्स ITR फाइल करने में लगे होते हैं। कुछ लोगों के मन में ये गलतफहमी रहती है कि उनकी सालाना इनकम 5 लाख रुपये से कम है, तो उन्हें टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं है क्योंकि उन्हें टैक्स नहीं देना है। तो जान लीजिए कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
ऐसे टैक्सपेयर्स जिनकी सालाना इनकम 5 लाख रुपये से कम है उन्हें टैक्स नहीं भरना होता क्योंकि उन्हें सेक्शन 87A के तहत 12,500 रुपये की छूट मिलती है। ऐसा नहीं है कि उन्हें उनकी इनकम टैक्सेबल लिमिट के तहत नहीं आती। टैक्स छूट की लिमिट सिर्फ 2.50 लाख रुपये तक है।
क्या होती है जीरो रिटर्न या NIL रिटर्न?
जीरो रिटर्न उसे कहते हैं जिसमें टैक्सपेयर्स को कोई भी टैक्स नहीं देना होता है। ये तब होता है जब किसी टैक्सपेयर की इनकम छूट लिमिट से कम होती है। जब किसी टैक्सपेयर की इनकम एक फाइनेंशिलय ईयर में 2.50 लाख रुपये से कम होती है तो उनकी कोई टैक्स लाएबिलिटी नहीं होती। ऐसे लोगों को टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होती है क्योंकि वे लोग टैक्स ब्रैकेट में नहीं आते हैं। अगर ऐसे लोग तब भी रिटर्न फाइल करते हैं, जिनकी इनकम 2.50 लाख रुपये से कम है तो उसे NIL रिटर्न कहते हैं। यहां आपको बता दें कि जीरो रिटर्न फाइल करना अनिवार्य नहीं होता है। हालांकि, NIL या जीरो रिटर्न फाइल करने के काफी फायदे हैं।
क्या होता है जीरो रिटर्न का मतलब
जीरो रिटर्न का मतलब होता है कि आप टैक्स डिपार्टमेंट को बता रहे हैं कि आपकी इनकम टैक्सेबल नहीं है। आपकी इनकम 2.50 लाख रुपये से कम है। जीरो रिटर्न फाइल करने का मतलब होता है कि उस फाइनेंशियल ईयर में आप टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं।
जीरो रिटर्न फाइल करने के फायदे
अगर आप आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको आसानी से लोन मिल जाता है। लोन लेने के लिए आपको 3 साल की ITR देनी होती है।
TDS का रिफंड हो जाता है आसान
अगर कोई टैक्सपेयर्स 15G या H भरना भूल जाता है तो उसका टैक्स कट जाता है तो वह आईटीआर फाइल करके रिटर्न भर सकता है।
वीजा के लिए चाहिए होगा आईटीआर
जीरो रिटर्न फाइल करने पर आप वीजा एप्लिकेशन और क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करना आसान हो जाता है। ये आपकी इनकम के प्रूफ के तौर पर काम करता है।