31 दिसंबर से पहले इन कामों को निपटाना जरूरी, लापरवाही पड़ सकती है महंगी

अगर वित्त वर्ष 2002-23 के लिए आपका इनकम टैक्स रिटर्न पेंडिंग है या आपको अपने मूल ITR में किसी तरह की गड़बड़ी का पता चला है, तो आप 31 दिसंबर से पहले रिटर्न भर दें या इसमें संशोधन कर दें। अब देरी से रिटर्न भरने या इसमें संशोधन की समयसीमा घटाकर संबंधित असेसमेंट ईयर के 31 दिसंबर को कर दी गई है। समयसीमा का पालन नहीं करने पर पेनाल्टी लगाई जा सकती है

अपडेटेड Jan 12, 2024 पर 7:35 PM
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अगर आपने अपना रिटर्न भरा है, लेकिन अब तक इसका वेरिफिकेशन नहीं किया है, तो 31 दिसंबर से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर लें।

हम अब जल्द ही कैलेंडर ईयर 2023 को अलविदा कहने वाले हैं। इसके साथ ही हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह कई तरह के जरूरी वित्तीय काम-काज निपटाने के लिए भी यह आखिरी तारीख है:

1. 31 दिसंबर 2023 से पहले रिटर्न भरें या इसमें संशोधन करें

अगर वित्त वर्ष 2002-23 के लिए आपका इनकम टैक्स रिटर्न पेंडिंग है या आपको अपने मूल ITR में किसी तरह की गड़बड़ी का पता चला है, तो आप 31 दिसंबर से पहले रिटर्न भर दें या इसमें संशोधन कर दें। अब देरी से रिटर्न भरने या इसमें संशोधन की समयसीमा घटाकर संबंधित असेसमेंट ईयर के 31 दिसंबर को कर दी गई है। समयसीमा का पालन नहीं करने पर पेनाल्टी लगाई जा सकती है। इसके अलावा, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा अन्य कार्रवाई भी की जा सकती है। लिहाजा, अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए इनकम टैक्स पोर्टल पर लॉग इन करें और इसका ई-वेरिफिकेशन करना भी नहीं भूलें।


2. अगर पहले से रिटर्न भरा हुआ है, तो ई-वेरिफिकेशन न भूलें

अगर आपने अपना रिटर्न 1 दिसंबर 2023 से पहले भरा है, लेकिन अब तक इसका वेरिफिकेशन नहीं किया है, तो 31 दिसंबर से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर लें। आधार ओटीपी या स्पीड पोस्ट के जरिये इस प्रक्रिया को अंजाम दिया जा सकता है। अगर आप अपने रिटर्न का 30 दिनों के भीतर वेरिफिकेशन नहीं करते हैं, तो वेरिफिकेशन की तारीख को ही ITR फाइल करने की तारीख माना जाता है। लिहाजा, अगर आपने अपना रिटर्न 31 जुलाई से पहले भरा है, लेकिन आप 31 दिसंबर, 2023 से पहले इसका वेरिफिकेशन नहीं करते हैं, तो यह रिटर्न वैध नहीं माना जाएगा और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आप पर पेनाल्टी लगा सकता है।

3. अपना बैंक लॉकर एग्रीमेंट अपडेट करें

रिजर्व बैंक के निर्देशों के मुताबिक, बैंकों के लिए ग्राहकों साथ लॉकर एग्रीमेंट को रिवाइज करना जरूरी है। इसके लिए भी समयसीमा 31 दिसंबर है। नए नियमों के मुताबिक, ग्राहक लॉकर में सिर्फ वैध आइटम ही रख सकते हैं और वे अवैध या खतरनाक चीजें इसमें नहीं रख सकते। इसके अलावा, किसी तरह के नुकसान की स्थिति में बैंक मौजूदा लॉकर रेंट की 100 गुना वैल्यू के लिए ही जिम्मेदार होगा। अगर लॉकर रेंट का भुगतान तीन साल तक नहीं हुआ है, तो नए नियमों के मुताबिक बैंक लॉकरधारक को नोटिस देकर इसे खोल सकता है।

4. इनएक्टिव UPI ID को फ्रीज कर दिया जाएगा

अगर आपके पास UPI ID है और आपने पिछले साल कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया है, तो बैंक इसे डीएक्टिवेट कर देगा। NPCI ने सर्कुलर जारी कर बैंकों और थर्ड पार्टी ऐप्स (मसलन पेटीएम, गूगल पे आदि) को निर्देश दिया है कि वे इनएक्टिव UPI ID को फ्रीज कर दें, ताकि फ्रॉड और फंड के गलत ट्रांसफर जैसी घटनाओं को रोका जा सके। अगर आप अपने UPI ID को एक्टिव रखना चाहते हैं, तो इस ID से कुछ ट्रांजैक्शन करना नहीं भूलें।

Abhishek Aneja

Abhishek Aneja

First Published: Dec 29, 2023 3:40 PM

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