भारत के अधिकांश परिवार में घरों में होने वाले रोजमर्रा के खर्चों और रखरखाव का काम महिलाओं के ही जिम्मे होता है। ऐसे में महिलाओं में घर खर्च के लिए मिलने वाले पैसे में भी महिलाएं सेविंग का तरीका खोच ही लेती है। लेकिन क्या आप जानते है आपको मिले मिले कैश के अलावा मिलने वाले गहने, गैजेट्स जैसे गिफ्ट पर टैक्स की देनदारी बनती है। अगर नहीं जानते तो टैक्स गुरु मुकेश पटेल आपको बता दें रहे है कि इनपर टैक्स की देनदारी बनती है या फिर नहीं।
टैक्स एक्सपर्ट मुकेश पटेल का कहना है कि घर खर्च से बचाई गई रकम को कई तरह के नाम दिए गए है। घर खर्च से बचाई रकम पर टैक्स की देनदारी नहीं बनती है। पिन मनी पर क्लबिंग के प्रावधान नहीं लगते है। पिन मनी को गिफ्ट नहीं माना जाता है। पीपीएफ, एसएससी, टैक्स फ्री बॉन्ड के इनकम पर टैक्स छूट मिलती है। हालांकि डिपॉजिट्स पर टैक्स लगेगा।
कैश गिफ्ट पर बात करते हुए मुकेश पटेल ने कहा कि वित्तीय वर्ष में एक या एक से ज्यादा लोगों के पास से मिलने वाली रकम 50 हजार से ज्यादा की होती है तो उसपर टैक्स चुकाना होता है। वहीं शादी में मिला गिफ्ट, वसिहत में मिली रकम टैक्स फ्री होती है। मुकेश पटेल ने बताया कि सेक्शन 56(2) के मुताबिक रिश्तेदारों से मिला गिफ्ट टैक्स फ्री है।
कार, गैजेट , इलेक्ट्रॉनिक सामान , चांदी के बर्तन जैसे गिफ्ट्स टैक्स के दायरे में नहीं आते है। वहीं प्रॉपर्टी, ज्वेलरी, शेयर , म्यूचुअल फंड , बॉन्ड़ , आर्टवर्क को 50 हजार के दायरे में होने पर टैक्स फ्री एग्जेम्प्टेड गिफ्ट में आता है।