Credit Cards

TDS और TCS में होता है ये बड़ा अंतर, अगर आप भी हैं टैक्सपेयर तो जान लें इसकी डिटेल

टीडीएस और टीसीएस में एक समानता यह है कि ये दोनों ही टैक्स कलेक्ट करने के दो तरीके हैं। टीडीएस से मतलब सोर्स पर कटौती है। वहीं टीसीएस का मतलब स्रोत पर टैक्स कलेक्शन से है। हालांकि दोनों ही मामलों में रिटर्न फाइल करने की जरूरत है। आइये जानते हैं इसके बारे में पूरी डिटेल

अपडेटेड Jun 03, 2023 पर 10:58 PM
Story continues below Advertisement
हर एक नौकरीपेशा व्यक्ति ने कभी ना कभी TDS और TCS के बारे में जरूर सुना होगा। हालांकि फिर भी कई सारे लोगों को टीडीएस और टीसीएस में अंतर नहीं पता होता है

हर एक नौकरीपेशा व्यक्ति ने कभी ना कभी TDS और TCS के बारे में जरूर सुना होगा। हालांकि फिर भी कई सारे लोगों को टीडीएस और टीसीएस में अंतर नहीं पता होता है। हालांकि टीडीएस और टीसीएस में एक समानता यह है कि ये दोनों ही टैक्स कलेक्ट करने के दो तरीके हैं। टीडीएस से मतलब सोर्स पर कटौती है। वहीं टीसीएस का मतलब स्रोत पर टैक्स कलेक्शन से है। हालांकि दोनों ही मामलों में रिटर्न फाइल करने की जरूरत है। आइये जानते हैं इसके बारे में पूरी डिटेल।

ITR फाइल करने की लास्ट डेट

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट अनाउंस कर दी है। कुछ तरह के आईटीआर फॉर्म भी ऑनलाइन और ऑफलाइन उपलब्ध कराए जा चुके हैं। अगर तय डेट के भीतर ITR फाइल करने से चूक गए तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जुर्माना भी लगा सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक सैलरीड और जिन करदाताओं के खातों का ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं है उनके लिए 31 जुलाई 2023 लास्ट डेट तय की गई है। लास्ट डेट तक टैक्सपेयर्स ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से आइटीआर फाइल कर सकते हैं।

Income Tax: आईटीआर फाइल करते हुए न करें ये गलतियां, वरना आ जाएगा इनकम टैक्स विभाग का नोटिस


TDS क्या होता है

अगर किसी की कोई इनकम होती है तो उस इनकम से टैक्स काटकर अगर व्यक्ति को बाकी रकम दी जाएगी तो टैक्स के रूप में काटी गई रकम को TDS कहते हैं। टीडीएस के जरिए सरकार टैक्स कलेक्ट करती है। यह अलग अलग तरह के इनकम सोर्स पर काटा जाता है जैसे सैलरी, किसी इनवेस्टमेंट पर मिला इंटरेस्ट, या कमीशन आदि पर। पेमेंट करने वाले व्यक्ति या संस्था पर टीडीएस फाइल करने की जिम्मेदारी होती है। अगर आपकी सैलरी से काटा गया टीडीएस आपकी कुल देनदारी से ज्यादा है तो वह आईटीआर फाइलिंग के जरिए वापस कर दिया जाता है।

जानिये क्या होता है TCS

TCS टैक्स कलेक्ट करने का एक सोर्स होता है। इसका मतलब सोर्स पर कलेक्ट किए गए टैक्स (इनकम से इकट्ठा किया गया टैक्स) होता है। इसे इनकम टैक्स ऐक्ट की धारा 206C में इसे निर्धारित किया गया है। यह टैक्स कुछ खास तरह के गुड्स के सौदे पर लगाया जा सकता है। जैसे कि शराब, तेंदू पत्ता, टिंबर, कबाड़, मिनरल्स वगैरह। सामान की प्राइस लेते वक्त उसमें टैक्स का पैसा भी जोड़कर ले लिया जाता है। इसे सरकार के पास जमा कर दिया जाता है। टैक्स को वसूलने के बाद इसे जमा करने का काम भी सेलर या दुकानदार की तरफ से ही किया जाता है।

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।