टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट (Tax Saving FD) में इनवेस्ट भारतीय इनकम टैक्स ऐक्ट, 1961 की धारा 80सी के तहत कर कटौती के लिए पात्र है। सीनियर सिटीजन्स को भी रिटायरमेंट के बाद भी हर साल टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। रिटायरमेंट के बाद अपनी कर देनदारी को कम करने के लिए, आप कुछ ऐसे ऑप्शंस की तलाश कर सकते हैं जिनके जरिए आपको टैक्स में कटौती का बेनिफिट मिल सके। टैक्स सेविंग एफडी के जरिए सीनियर सिटीजन्स ब्याज कमाने के साथ साथ टैक्स में बचत का फायदा भी उठा सकते हैं।
हर साल इतने रुपये तक की कटौती
इन टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करके, सीनियर सिटीजन्स इनवेस्टर्स हर साल 1.5 लाख रुपये तक की कटौती कर सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों को आमतौर पर बैंकों से थोड़ी अधिक ब्याज दरें मिलती हैं। वरिष्ठ नागरिक कर-बचत एफडी 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति खोल सकता है। इन टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें बैंक के आधार पर अलग अलग होती हैं।
टैक्स सेविंग एफडी सुविधाएँ
टैक्स सेविंग एफडी की अवधि 5 साल है। इसके जरिए आप अपने पैसों का सही मैनेजमेंट कर सकते हैं। समय से पहले निकासी, आंशिक निकासी और फिक्स्ड डिपॉजिट सुविधा के खिलाफ लोन और ओवरड्राफ्ट सुविधा अवेलबल नहीं है। आयकर अधिनियम की धारा 80TTB के तहत, सीनियर सिटीजन्स एक वित्तीय वर्ष के भीतर एफडी पर मिले कुल ब्याज से 50,000 रुपये तक की कटौती कर सकते हैं। यदि किसी वित्तीय वर्ष में जमा की गई ब्याज की राशि 50,000 रुपये से अधिक हो तो बैंक इस आय पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) वसूलेंगे। आयकर अधिनियम की धारा 194ए के तहत टीडीएस वर्तमान में 10% कम है। वरिष्ठ नागरिक अपनी सावधि जमा पर अर्जित ब्याज के तहत कर छूट का दावा करने के लिए फॉर्म 15H का उपयोग कर सकते हैं।