अगर आप टैक्स पेयर हैं या फिर आपकी कमाई टैक्सेबल इनकम के दायरे में आती है तो फिर आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करना जरूरी है। हालांकि इस बार लोगों को आईटीआर दाखिल करते वक्त कुछ बदलावों का सामना भी करना पड़ेगा। जिस वजह से आपके लिए इन बदलावों से वाकिफ रहना भी बेहद ही जरूरी हो जाता है ताकि आपको किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।
टैक्स स्लैब में किया गया है बदलाव
साल 2023 का बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स को लेकर कई सारे अहम ऐलान किये थे। इन ऐलानों के तहत टैक्स स्लैब में किया गया बदलाव भी शामिल है। ऐसे में अब टैक्स पेयर्स के लिए आईटीआर फाइल करते वक्त नई या पुरानी किसी एक टैक्स सिस्टम को चुनना बेहद ही जरूरी है। साल 2023 में वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में इस बात का ऐलान किया था कि सरकार नए टैक्स सिस्टम को डिफॉल्ट टैक्स सिस्टम बनाना चाहता है। हालांकि लोगों के पास पुराने टैक्स सिस्टम को चुनने का ऑप्शन मौजूद रहेगा।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करते वक्त आपको यह चुनना होगा कि आप नए टैक्स सिस्टम में जाना चाहते हैं या फिर आप ओल्ड टैक्स सिस्टम के तहत ही रहना चाहते हैं। इस बारे में आपको बेहद ही सोच समझ कर फैसला करना होगा। अगर आपने नया टैक्स सिस्टम चुना है तो फिर आपको पुराना टैक्स सिस्टम चुनने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
बता दें कि सरकार ने नए टैक्स रिजीम के तहत टैक्सेबल इनकम के दायरे को बढ़ा दिया है। सरकार की तरफ से टैक्सेबल इनकम के दायरे को बढ़ा कर 7 लाख रुपये तक कर दिया गया है। साथ ही इस नए टैक्स रिजीम के तहत छह टैक्स स्लैब बनाए गए हैं। जिसके तहत 3 लाख रुपये सालाना कि इनकम पर अब आपको किसी भी तरह का कोई टैक्स नहीं देना होगा।