ITR Filing : एंप्लॉयर को टैक्स-सेविंग प्रूफ देना भूल गए तो भी टैक्स-बेनेफिट क्लेम कर सकते हैं, जानिए आपको क्या करना होगा

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ITR फाइलिंग की अंतिम तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी। देश के कई हिस्सों में ज्यादा बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते उम्मीद थी कि रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाई जा सकती है। आईटी डिपार्टमेंट ने यह भी कहा है कि अब तक 3 करोड़ से ज्यादा रिटर्न फाइल किए जा चुके हैं, जिसमें से 91 फीसदी वेरिफायड हो चुके हैं

अपडेटेड Jul 31, 2023 पर 1:05 AM
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अगर 31 जुलाई, 2023 तक रिटर्न फाइल नहीं किया जाता है तो 5,000 रुपये तक लेट फीस चुकानी पड़ सकती है। यह डेडलाइन उन टैक्सपेयर्स के लिए है, जिनके अकाउंट का ऑडिट जरूरी नहीं है।

फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने की अंतिम तारीख नजदीक आ गई है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ITR फाइलिंग की अंतिम तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी। देश के कई हिस्सों में ज्यादा बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते उम्मीद थी कि रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाई जा सकती है। आईटी डिपार्टमेंट ने यह भी कहा है कि अब तक 3 करोड़ से ज्यादा रिटर्न फाइल किए जा चुके हैं, जिसमें से 91 फीसदी वेरिफायड हो चुके हैं। अगर 31 जुलाई, 2023 तक रिटर्न फाइल नहीं किया जाता है तो 5,000 रुपये तक लेट फीस चुकानी पड़ सकती है। यह डेडलाइन उन टैक्सपेयर्स के लिए है, जिनके अकाउंट का ऑडिट जरूरी नहीं है। अगर किसी वजह से आपने अपने एंप्लॉयर को समय पर टैक्स-सेविंग्स इनवेस्टमेंट की जानकारी नहीं दी है तो भी आप टैक्स-छूट का फायदा उठा सकते हैं।

एंप्लॉयर जनवरी के दूसरे हफ्ते तक मांगते हैं इनवेस्टमेंट प्रूफ

आम तौर पर एंप्लॉयर (कंपनियां) अपने एंप्लॉयीज से हर साल जनवरी के दूसरे हफ्ते टैक्स सेविंग्स इनवेस्टमेंट के प्रूफ मांग लेती हैं। इसमें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत किया गया निवेश शामिल है। इसमें पीपीएफ, ट्यूशन फीस, सुकन्या समृद्धि, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम, म्यूचुअल फंड्स की टैक्स स्कीम सहित करीब एक दर्जन सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट्स आते हैं। यह निवेश 1 अप्रैल, 2023 या उसके बाद किया गया होना चाहिए। इसके अलावा HRA क्लेम और मेडीक्लेम पॉलिसीज के प्रीमियम पर भी डिडक्शन मिलता है।


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आटीआर फाइलिंग के वक्त भी कर सकते हैं टैक्स-बेनेफिट का दावा

किसी वजह से अगर एंप्लॉयी अपनी कंपनी के फाइनेंस डिपार्टमेंट को जनवरी के दूसरे हफ्ते तक इनवेस्टमेंट के प्रूफ नहीं सब्मिट करता है तो कंपनी फाइनेंशियल ईयर के बाकी बचे महीनों (जनवरी, फरवरी और मार्च) के दौरान आपकी सैलरी से टैक्स काट लेता है। लेकिन, अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त अपने टैक्स सेविंग्स इनवेस्टमेंट को क्लेम कर सकते हैं। इससे आपके टैक्स-सेविंग इनवेस्टमेंट को ध्यान में रख इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपकी इनकम से काटे गए अतिरिक्त टैक्स को रिफंड के रूप में आपको वापस कर देगा। लेकिन, इसके लिए आपको 31 जुलाई, 2023 को या इससे पहले इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर देना होगा।

ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल करते हैं तभी मिलेंगे टैक्स-बेनिफिट्स

एक बात ध्यान में रखना जरूरी है कि आप टैक्स-बेनेफिट्स आईटीआर फाइलिंग में तभी क्लेम कर सकते हैं, जब आप इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर आप इनकम टैक्स की न्यू रीजीम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको सेक्शन 80सी, सेक्शन 80डी सहित ज्यादातर टैक्स-बेनेफिट नहीं मिलेंगे। इसलिए आपके लिए एक बार चेक कर लेना जरूरी है कि आपने इनकम टैक्स की नई और पुरानी रीजीम में से किसे सेलेक्ट किया है। नई रीजीम में ज्यादातर टैक्स-बेनेफिट टैक्सपेयर को नहीं मिलते हैं, लेकिन इसमें टैक्स रेट ओल्ड रीजीम के मुकाबले कम है।

सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक डिडक्शन का दावा

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले आपको सेक्शन 80सी के तहत किए गए निवेश का कैलकुलेशन कर लेना जरूरी है। इसके तहत पीपीएफ, ईएलएसएस, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, दो बच्चों की ट्यूशन फीस, एनपीएस, सुकन्या समृद्धि सहित करीब एक दर्जन इनवेस्टमेंट ऑप्शंस आते हैं। होम लोन का प्रिंसिपल अमाउंट का रिपेमेंट भी इसी सेक्शन के तहत आता है। सेक्शन 80सी के तहत इन इनवेस्टमेंट ऑप्शंस में मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये तक इनवेस्ट कर आप टैक्स-बेनेफिट का दावा कर सकते हैं।

HRA और मेडीक्लेम प्रीमियम पर भी डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं

अगर फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के दौरान आपने किराए के घर का इस्तेमाल किया है और आपको कंपनी की तरफ से एचआरए मिलता है तो आप एचआरए पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के वक्त इस बारे में बताना होगा। एचआरए पर टैक्स-छूट के लिए नियम तय हैं। इसके हिसाब से आपको टैक्स-छूट के अमाउंट का कैलकुलेशन करना होगा। इसके अलावा सेक्शन 80डी के तहत मेडिक्लेम पर चुकाए गए प्रीमियम पर भी आप टैक्स-छूट का दावा कर सकते हैं। नौकरी करने वाले लोगों के अलग से 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलता है।

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First Published: Jul 22, 2023 4:34 PM

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