ITR फाइलिंग में फर्जी किराया रसीद देने पर भुगतने होंगे गंभीर नुकसान, लग सकता है टैक्स का 200% जुर्माना या हो सकती है जेल

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ITR फाइल करते समय गलतियां पाई जाती हैं, तो विभाग के पास गलत रिपोर्ट की गई आय पर लागू कर का 200 प्रतिशत तक जुर्माना लगाने का अधिकार है। आयकर अधिनियम मकान किराया भत्ता (HRA) और डोनेशन के संबंध में कुछ कर छूट और कटौती देता है। एचआरए से ऐसी छूट का दावा करने के लिए, कई बार टैक्सपयर्स नकली किराया रसीद का सहारा भी लेते हैं

अपडेटेड Aug 01, 2023 पर 10:32 PM
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टैक्स डिपार्टमेंट कथित तौर पर टैक्स से बचने के लिए फर्जी किराया रसीदों का उपयोग करने वाले करदाताओं से निपटने के लिए कदम उठा रहा है

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई, 2023 को खत्म होने के साथ, टैक्स डिपार्टमेंट कथित तौर पर टैक्स से बचने के लिए फर्जी किराया रसीदों का उपयोग करने वाले करदाताओं से निपटने के लिए कदम उठा रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर गलतियां पाई जाती हैं, तो विभाग के पास गलत रिपोर्ट की गई आय पर लागू कर का 200 प्रतिशत तक जुर्माना लगाने का अधिकार है। आयकर अधिनियम मकान किराया भत्ता (HRA) और डोनेशन के संबंध में कुछ कर छूट और कटौती देता है। एचआरए से ऐसी छूट का दावा करने के लिए, कई बार टैक्सपयर्स नकली किराया रसीद का सहारा भी लेते हैं। जिसके बाद किराया रसीद या डोनेशन की गलत कटौती की वजह से नोटस में वैध दस्तावेज, किराये का पेमेंट प्रूफ या दिए गए डोनेशन का प्रूफ मांग सकते हैं।

इन स्थितियों में मानी जाती है इनकम की गलत रिपोर्टिंग

तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करना या छिपाना, दस्तावेजी साक्ष्य द्वारा समर्थित न होने वाले व्यय का दावा, या अकाउंट बुक में किसी भी गलत इंट्री को दर्ज करना आय की गलत रिपोर्टिंग माना जाता है, और इसलिए इस तरह की कम रिपोर्ट पर देय कर के 200 प्रतिशत के बराबर राशि का जुर्माना लगाया जाता है। डीवीएस एडवाइजर्स के संस्थापक और सीईओ दिवाकर विजयसारथी ने सहयोगी चैनल सीएनबीसी टीवी 18 को दिए बयान में कहा, "आय पर धारा 270ए के तहत शुल्क लगाया जा सकता है।"

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

इसके अलावा, टैक्स और कंसल्टेंसी फर्म एकेएम ग्लोबल में टैक्स मार्केट के चीफ येशू सहगल ने कहा, फर्जी किराया रसीदों को ठुकराने से कर अधिकारी की तरफ से इनकम को फिर से कैलकुलेट किया जा सकता है। सहगल ने CNBC-TV18.com को बताया, "यह ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए जेल भेजे का भी प्रावधान है।" इसके अलावा, जाली या झूठे दस्तावेजों या दस्तावेजी सबूतों के किसी भी झूठे टुकड़े के आधार पर अकाउंट बुक में किसी भी इंट्री को एक गलत इंट्री माना जाता है। अगर कार्रवाई के दौरान इसक पता चल जाता है तो धारा 271 एएडी के तहत 10,000 रुपये का जुर्माना या कर चोरी का दंड दिया जा सकता है।

पेशेवरों के गलत जानकारी देने पर लिया जाता है ये ऐक्शन

इसके अलावा, कोई भी पेशेवर, यानी अकाउंटेंट या मर्चेंट बैंकर गलत जानकारी के आधार पर एक रिपोर्ट या प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है, एओ या सीआईटी (ए) ऐसे पेशेवर को ऐसी प्रत्येक रिपोर्ट के लिए 10,000 रुपये की राशि का भुगतान करने का निर्देश दे सकता है।

Abhishek Nandan

Abhishek Nandan

First Published: Aug 01, 2023 10:32 PM

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