इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ई-फाइलिंग वेबसाइट के कंप्लायंस पोर्टल पर ऑन-स्क्रीन फंक्शन पेश किया है। डिपार्टमेंट के मुताबिक, इसका मकसद ब्याज और डिविडेंड को लेकर थर्ड पार्टी की सूचना और इनकम टैक्स रिटर्न के बीच असमानता को दूर करना है। टैक्स विभाग का कहना है कि कई मामलों में टैक्सपेयर्स ने अपना ITR भी फाइल नहीं किया है।
ऑनस्क्रीन फंक्शन को ऐक्सेस करने का तरीका
जो टैक्सपेयर्स पहले से ई-फाइलिंग वेबसाइट पर रजिस्टर्ड हैं, उनके लिए खाते में लॉग इन करने के बाद कंप्ल्यांस पोर्टल पर डायरेक्ट पाथ उपलब्ध है। गड़बड़ी को 'ई-वेरिफिकेशन' (e-Verification) टैब के तहत देखा जा सकता है। जो लोग ई-फाइलिंग पर रजिस्टर्ड नहीं है, वे वेबसाइट पर जाकर 'रजिस्टर' बटन पर क्लिक करें और इसके बाद उन्हें जरूरी जानकारी भरनी होगी। रजिस्ट्रेशन के बाद यूजर्स अपने ई-फाइलिंग एकाउंट्स में लॉग इन कर सकते हैं। इसके बाद वे कंप्लायंस पोर्टल को ऐक्सेस कर गड़बड़ियों को देखकर उसे दुरुस्त कर सकते हैं।
कंप्लायंस पोर्टल के भीतर मौजूद ऑनस्क्रीन फंक्शन में किसी भी अतिरिक्त डॉक्युमेंट्स की जरूरत नहीं होती है। टैक्सपेयर अपने जवाब के जरिये पोर्टल पर गड़बड़ियों को दूर कर सकते हैं। डिपार्टमेंट का कहना है कि इस पहल का मकसद टैक्सपेयर्स को गड़बड़ियां सुधारने के लिए अवसर मुहैया कराना है।
जो टैक्सपेयर्स पहले ही अपने ITR के शेड्यूल OS में मौजूद 'अन्य' आइटम में पहले ही अपनी इंटरेस्ट इनकम का खुलासा कर चुके हैं, उन्हें इंटरेस्ट इनकम से जुड़ी गड़बड़ी को लेकर जवाब देने की जरूरत नहीं है। सिस्टम अपने-आप इस गड़बड़ी को ठीक कर देगा और पोर्टल में यह 'कंप्लीट' के तौर पर दिखेगा।
रिटर्न अपडेट करने का भी विकल्प
जो टैक्सपेयर गड़बड़ियों का जवाब देने में सक्षम नहीं हैं, उनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न अपडेट करने का भी विकल्प उपलब्ध है, बशर्ते वे इसके योग्य हों। यह इनकम को कम दिखाने की गड़बड़ी को सुधार का मौका भी उपलब्ध कराता है।