इनकम टैक्स (Income Tax) फाइल किये जाने का प्रोसेस शुरू हो गया है। हालांकि कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से लोगों को नोटिस जारी कर दिया जाता है। इसके पीछे कई तरह के कारण भी होते हैं। हालांकि अब इनकम टैक्स विभाग की तरफ से जांच के दायरे में आने वाले मामलों में गाइडलाइन जारी कर दी गई है। इस नई गाइडलाइन के तहत ऐसे टैक्स पेयर्स जिनकी तरफ से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस का जवाब नहीं दिया गया है उनके मामलों की जांच अनिवार्य कर दी जाएगी।
टैक्स इनवेजन के मामलों की भी होगी जांच
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से उन मामलों की भी जांच की जाएगी जहां किसी कानून प्रवर्तन एजेंसी या नियामकीय प्राधिकरण के जरिए टैक्स इनवेजन से संबंधित खास जानकारी उपलब्ध कराई गई है। गाइडलाइन के मुताबिक टैक्स ऑफीसर्स को आय में विसंगतियों के बारे में 30 जून तक इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 143(2) के तहत नोटिस भेजना होगा। इसके बाद टैक्स पेयर्स को इस बारे में संबंधित डॉक्युमेंट्स को पेश करना होगा।
नोटिस का जावाब ना देने वालों के साथ क्या होगा
गाइडलाइन के मुताबिक इनकम टैक्स ऐक्ट धारा 142(1) के तहत नोटिस का जवाब ना देने वाले मामलों को नेशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर (NAFAC) के पास भेज दिया जाएगा। जो कि उस पर आगे ऐक्शन लेगा। धारा 142(1) टैक्स ऑफीसर्स को रिटर्न दाखिल किए जाने की स्थिति में एक नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण या जानकारी मांगने का अधिकार देती है। जिन मामलों में रिटर्न दाखिल नहीं किया गया है उनको तय तरीके से आवश्यक जानकारी देने को कहा जाता है।
आयकर विभाग ऐसे मामलों की एक एकीकृत सूची जारी करेगा। इसमें सक्षम प्राधिकरण की तरफ से छूट को रद्द या वापस किए जाने के बावजूद टैक्सपेयर्स रियायत या कटौती की मांग कर सकता है। गाइडलाइन में कहा गया है कि इनकम टैक्स ऐक्ट की धारा 143(2) के तहत टैक्सपेयर्स को NAFAC की तरफ से नोटिस भेजा जाएगा।