छुपाई गई इनकम 50 लाख से कम तो 3 साल बाद एसेसमेंट नोटिस जारी नहीं हो सकता, जानिए हाईकोर्ट के इस आदेश का मतलब

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव शखधर और गिरीश कठपालिया ने कहा है कि सामान्य मामलों में अगर Income Concealment 50 लाख रुपये से कम है और संबंधति एसेसेमेंट ईयर खत्म हुए तीन साल से ज्यादा वक्त हो चुका है तो किसी तरह का नोटिस जारी नहीं किया जाना चाहिए

अपडेटेड Nov 24, 2023 पर 2:29 PM
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टैक्स एक्सपर्ट्स ने दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि कोर्ट के इस फैसले से भविष्य में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से जारी किए जाने वाले गैरजरूरी नोटिस को चैलेंज करना आसान हो जाएगा।

इनकम टैक्स के नियम काफी जटिल होते हैं। कई मामलों में अफसरों के फैसलों को कोर्ट में चुनौती दी जाती है। हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने एक फैसला सुनाया है जो काफी अहम है। कोर्ट ने कहा है कि इनकम टैक्स (IT) एसेसमेंट का एक्सटेंडेड 10 साल का रिव्यू पीरियड सिर्फ तभी लागू होता है जब अनुमानित अघोषित आय 50 लाख रुपये से ज्यादा होती है। जस्टिस राजीव शखधर और गिरीश कठपालिया ने कहा है कि सामान्य मामलों में अगर Income Concealment 50 लाख रुपये से कम है और संबंधति एसेसेमेंट ईयर खत्म हुए तीन साल से ज्यादा वक्त हो चुका है तो किसी तरह का नोटिस जारी नहीं किया जाना चाहिए। इस सोच के साथ कोर्ट ने करीब 50 ऐसे रिएसेसमेंट के नोटिस निरस्त कर दिए, जो एसेसमेंट ईयर (AY) 2016-17 और 2017-18 में जारी किए गए थे। इनमें इनकम कंसीलमेंट 50 रुपये से कम था।

टैक्स एक्सपर्ट्स ने क्या कहा?

टैक्स एक्सपर्ट्स ने दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि कोर्ट के इस फैसले से भविष्य में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से जारी किए जाने वाले गैरजरूरी नोटिस को चैलेंज करना आसान हो जाएगा। टैक्स कंसल्टेंसी फर्म एकेएम ग्लोबल के हेड (टैक्स मार्केट) येशू सहगल ने कहा कि अब सेक्शन 148 के तहत जारी किए ऐसे पुराने नोटिसेज निरस्त हो जाएंगे, जिनमें इनकम कंसीलमेंट 50 लाख रुपये से कम है। हाईकोर्ट के इस आदेश में मौजूदा नियम को बदलने या नए नियम बनाने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है।


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इनकम टैक्स एक्ट का सेक्शन 148 क्या है?

इस सेक्शन के तहत एसेसिंग अफसर (AO) को यह लगता है कि किसी एसेसमेंट ईयर में कोई इनकम (जिस पर टैक्स लग सकता है) एसेसमेंट से बच गया है तो वह टैक्सपेयर्स के इनकम टैक्स रिटर्न के दोबारा एसेसमेंट के लिए नोटिस जारी कर सकता है। दूसरे शब्दों में अगर एआई को लगता है टैक्सपेयर ने किसी इनकम को रिटर्न में शामिल नहीं किया है या उसे शामिल करना भूल गया है तो उसके रिटर्न के दोबारा एसेसमेंट के लिए वह नोटिस जारी कर सकता है।

AO के क्या है अधिकार?

सेक्शन 148 के तहत एओ को इनकम के दोबारा एसेसमेंट के लिए टैक्सपेयर को नोटिस जारी करने का अधिकार है। लेकिन, आम तौर पर तीन साल बीत जाने के बाद नोटिस जारी नहीं किया जा सकता। अगर कम से कम 50 लाख रुपये की इनकम छुपाए जाने का सबूत है तो तीन साल के बाद भी नोटिस जारी किया जा सकता है। लेकिन, इसे संबंधित एसेसमेंट ईयर खत्म होने के 10 साल के अंदर ही जारी किया जा सकता है।

सेक्शन 148 में क्या संशोधन हुआ है?

फाइनेंस एक्स 2022 में 148ए में एक सब-सेक्शन जोड़ा गया। इसके तहत एसेसिंग अफसर को जांच करने का अधिकार दिया गया। उसे सेक्शन 148 के तहत नोटिस जारी कर टैक्सपेयर को अपना मामला सामने रखने का मौका देने का अधिकार दिया गया। एक्सपर्ट का कहना है कि 10 साल की लिमिट सिर्फ ऐसे मामलों में पार की जा सकती है जो टैक्स चोरी के गंभीर मामले हैं और जिनमें सबूत मिल चुका है। सिर्फ यह आरोप कि 50 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम पर टैक्स चोरी की गई है, पर्याप्त नहीं होगा।

MoneyControl News

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First Published: Nov 24, 2023 2:21 PM

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