GST दायरा बढ़ाने पर फोकस, गलियों-नुक्कड़ों पर स्थित स्टोर भी सरकार के रडार पर

बिजनेस टू कंज्यूमर (B2C) स्पेस में जीएसटी का दायरा बढ़ाने की व्यापक संभावनाएं हैं। सरकार इस दायरे को बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगी। इसके अलावा जीएसटी टैक्स बेस को बढ़ाने के लिए सरकार प्राइवेट डेटा बेस और दूसरी सरकारी एजेंसीज के पास उपलब्ध डेटा का उपयोग करेगी

अपडेटेड Feb 17, 2023 पर 10:46 AM
Story continues below Advertisement
देश में इनडायरेक्ट टैक्स का आधार बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं

बुधवार को केंद्र सरकार के एक बड़े कर अधिकारी ने कहा है कि केंद्र सरकार जीएसटी का दायरा बढ़ाने पर फोकस कर रही है। इसके तहत देश के गलियों और नुक्कड़ों पर स्थित तमाम खुदरा स्टोरों को GST दायरे में लाने पर काम चल रहा है। इस अधिकारी ने कहा कि भारत की इकोनमी का एक बड़ा हिस्सा गैर संगठित क्षेत्र द्वारा संचालित है। केंद्र की मोदी सरकार गैर संगठित क्षेत्र के तमाम कारोबारियों को जीएसटी के दायरे में लाने की कोशिश कर रही है। इससे इनडायरेक्ट टैक्स के दायरे का विस्तार हो सकेगा।

जीएसटी बेस को बढ़ाने के लिए  अपना सकते हैं सेक्टोरल अप्रोच

गौरतलब है कि 2017 में लागू किए गए जीएसटी के तहत केंद्र और राज्य सरकारों के तमाम करों को मिला दिया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि ऐसे कारोबारियों को भी जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए जिनका सालाना टर्न ओवर 40 लाख रुपये या 48368 डॉलर के आसपास है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (Central Board of Indirect Taxes and Customs) के डायरेक्टर विवेक जौहरी ने रायटर्स को दिए गए अपने इंटरव्यू में कहा है कि हम जीएसटी बेस को बढ़ाने के लिए कुछ ऐसे सेक्टरों में जहां टैक्सपेयर बेस बहुत कम हैं, वहां सेक्टोरल अप्रोच अपना सकते हैं।


HDFC ने भारत के सबसे बड़े प्राइवेट बॉन्ड सेल के जरिए जुटाए 25000 करोड़ रुपये

जीएसटी के दायरे में आने वाले कारोबारियों की संख्या बढ़ी

इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि देश में इनडायरेक्ट टैक्स का आधार बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। इस पर आगे भी राज्य सरकारों की राय मांगी जाएगी। उन्होंने बताया कि जीएसटी के दायरे में आने वाले कारोबारियों की संख्या जनवरी 2023 तक बढ़कर 1.4 करोड़ हो गई है। जबकि 2017 में सिर्फ 60 लाख कारोबारी जीएसटी के दायरे में थे।

कारोबारियों की पहचान के लिए  दूसरी सरकारी एजेंसीज के डेटा बेस का भी होगा इस्तेमाल

विवेक जौहरी ने आगे कहा कि बिजनेस टू कंज्यूमर (B2C) स्पेस में जीएसटी का दायरा बढ़ाने की व्यापक संभावनाएं हैं। सरकार इस दायरे को बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगी। इसके अलावा जीएसटी टैक्स बेस को बढ़ाने के लिए सरकार प्राइवेट डेटा बेस और दूसरी सरकारी एजेंसीज के पास उपलब्ध डेटा का उपयोग करेगी। इन डेटा बेस में इनकम टैक्स विभाग, प्रॉपर्टी टैक्स, कमर्शियल डायरेक्टरीज, पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के पास उपलब्ध डेटा शामिल होंगे। इन आंकड़ों के आधार पर सरकार ऐसे कारोबारियों की पहचान करेगी जो जीएसटी नेट से बाहर हैं।

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।