Income Tax: अगर आप भी टैक्स पेयर्स की कटेगरी में आते हैं तो आपके लिए यह खबर बेहद जरूरी हो जाती है। दरअसल FY 2023 में आईटीआर फाइल (ITR Filing) करने को लेकर कुछ बदलाव किए गए हैं। टैक्सपेयर्स के लिए इन बदलावों के बारे में जानना भी बेहद ही जरूरी है। सही जानकारी के साथ आप बिना किसी दिक्कत के बड़ी ही आसानी से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। आइये इन अपडेट्स और बदलावों के बारे में भी जान लेते हैं।
अगर आपने टैक्स में राहत का दावा किया है तो आपको शेड्यूल सैलरी में रेलिवेंट इंफॉर्मेशन उपलब्ध करानी होगी। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 89A रिटायरमेंट बेनिफिट वाले एकाउंट पर टैक्स में रिलीफ देता है।
टैक्स कटौती में दावा करने के लिए डोनेशन रिफरेंस नंबर की डिटेल
अगर आप आईटीआर फाइल करते वक्त धारा 80जी के तहत कटौती का दावा कर रहे हैं तो दान रसीद और फॉर्म 10बीई में दान प्रमाण पत्र अवेलबल कराना जरूरी है। कटौती का दावा करने के लिए आईटीआई फॉर्म में अपने दिए गए डोनेशन की डिटेल्स देनी होगी।
इंट्राडे ट्रेडिंग से टर्नओवर की रिपोर्टिंग
इंट्राडे ट्रेडिंग से होने वाला मुनाफा या घाटा कैपिटल गेन के बिजनेस की कटेगरी के तहत टैक्स के अंतर्गत आता है। इस बार ITR फॉर्म में एक खास सेक्शन भाग ए ट्रेडिंग अकाउंट भी रखा गया है। यहां पर टैक्सपेयर्स अपनी इंट्राडे ट्रेडिंग से हुए मुनाफे या फिर घाटे की इंफॉर्मेशन दे सकते हैं।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक VDA यानी वर्चुअल डिजिटल असेट्स में क्रिप्टो करेंसी को रखा जाता है। इसके ट्रांसफर से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स, सरचार्ज और सेस वसूला जाता है। अगर आपकी कमाई का सोर्स वीडीए है तो आप ITR-1 या फिर ITR-4 दाखिल नहीं कर पाएंगे। आपको ITR-2 या फिर ITR-3 भरना पड़ेगा।
न्यू टैक्स रिजीम से बाहर निकलने की जानकारी
एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोई भी व्यक्ति धारा 115BAC के तहत ऑप्शनल टैक्स रिजीम चुन सकता है। अगर आप बिजनेस करते हैं या फिर आप नौकरीपेशा हैं तो आप इस ऑप्शन का प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन टैक्स पेयर्स पिछले साल के लिए केवल एक बार इसे वापस ले लेते हैं। अगर एक बार आपने इसे वापस ले लिया तो आप दोबारा से इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। इस सिस्टम से बाहर निकलने के लिए आपको फॉर्म 10-IE जमा करना होगा।