विवाद से विश्वास स्कीम के तहत 30 जून तक कर सकते हैं क्लेम अप्लाई, सरकार ने MSME को राहत देने के लिए चलाई है योजना

छोटे उद्दोगों के लिए शुरु की गई वित्त मंत्रालय की योजना विवाद से विश्वास योजना के तहत क्लेम सबमिट करने की आखिरी तारीख 30 जून तय की गई है। विवाद से विश्वास योजना को 17 अप्रैल को शुरू की गई थी। यह योजना रजिस्टर्ड एमएसएमई पर स्पलायर/ठेकेदार द्वारा दावा किए जाने की तारीख से लागू होगी। MSME को किसी भी श्रेणी की वस्तुओं और सेवाओं के लिए पंजीकृत किया जा सकता है। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक ओरिजनल डिलिवरी पीरियड 19 फरवरी 2020 से 31 मार्च 2022 तक तय की गई थी

अपडेटेड May 02, 2023 पर 10:47 PM
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छोटे उद्दोगों के लिए शुरु की गई वित्त मंत्रालय की योजना विवाद से विश्वास योजना के तहत क्लेम सबमिट करने की आखिरी तारीख 30 जून तय की गई है

माइक्रो स्मॉल एंड मिडियम इंटरप्राइजेज (MSME) यानी कि छोटे उद्दोगों के लिए शुरु की गई वित्त मंत्रालय की योजना विवाद से विश्वास योजना के तहत क्लेम सबमिट करने की आखिरी तारीख 30 जून तय की गई है। विवाद से विश्वास योजना को 17 अप्रैल को शुरू की गई थी। यह योजना रजिस्टर्ड एमएसएमई पर स्पलायर/ठेकेदार द्वारा दावा किए जाने की तारीख से लागू होगी। MSME को किसी भी श्रेणी की वस्तुओं और सेवाओं के लिए पंजीकृत किया जा सकता है। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक ओरिजनल डिलिवरी पीरियड 19 फरवरी 2020 से 31 मार्च 2022 तक तय की गई थी।

इस लिए शुरू की गई थी ये स्कीम

सरकार के एक्सपेंडीचर डिपार्टमेंट ने कोविड-19 के दौरान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को राहत देने के लिए विवाद से विश्वास I - MSMEs को राहत योजना को शुरू किया था। कोविड के दौरान कॉन्ट्रैक्ट को सही से लागू ना कर पाने के मामले में, बिडिंग या फिर परफॉर्मेंस सिक्योरिटी के मामले में जब्त की गई रकम का 95 फीसदी हिस्सा सरकार की तरफ से वापस कर दिया जाएगा। इससे ऐसे उद्दोगों को काफी राहत भी मिलेगी। मंत्रालय ने पहले ही इस स्कीम से जुड़ी गाइडलाइन को जारी कर दिया है। इसके साथ ही ज्यादा मामलों को कवर करने के लिए राहत की रकम को भी बढ़ाया है और रिफंड की लिमिट में भी ढील दी है।

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क्या कहा वित्त मंत्रालय ने

वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जारी किए गए अपने बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी मानव इतिहास के सबसे बड़े संकटों में से एक है। जिसका इकोनॉमी खास तौर पर छोटे उद्दोगों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। यह योजना MSME सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों की एक बानगी है। इस योजना के तहत बिडिंग या फिर परफॉर्मेंस सिक्योरिटी और कोविड के दौरान जब्त की गई कटौती के नुकसान को वापस करने के लिए कहा गया है। कोविड 19 के दौरान कॉन्ट्रैक्ट को सही से लागू न कर पाने के मामले में भी इस सेक्टर को राहत दी गई है।

सरकार ने MSME की भलाई के लिए उठाया है यह कदम

वित्त मंत्रालय ने कोविड 19 के दौरान बुरा असर झेलने वाले एमएसएमई को एकस्ट्रा बेनिफिट देने का फैसला भी किया है। अगर किसी फर्म को केवल कॉन्ट्रैक्ट को सही से लागू ना कर पाने की वजह से बैन या डिबार्ड किया गया है तो आदेश जारी करके उसे कैंसल भी किया जाएगा। हालांकि अगर किसी फर्म को इंटरिम पीरियड यानी इस आदेश के तहत प्रतिबंधित करने की तारीख और कैंसल करने की तारीख में इस वजह से कॉन्ट्रैक्ट ड्यू के लिए नजरअंदाज कर दिया गया है तो उस पर कोई दावा नहीं किया जा सकेगा। हालांकि वापस की गई रकम पर कोई इंटरेस्ट नहीं दिया जाएगा।

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