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Belated ITR: 2022 गुजरने से पहले निपटा लें यह जरूरी काम, इससे चूके तो होगी ये बड़ी दिक्कतें

Belated ITR: यह साल बस गुजरने ही वाला है। हालांकि एसेसमेंट वर्ष 2022-23 का इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) अगर आपने फाइल नहीं किया है तो इस साल का अभी बहुत बड़ा काम आपका बाकी है। यहां बिलेटेड आईटीआर क्या है और 31 दिसंबर की डेडलाइन चूकने का आप पर क्या असर होगा, इसके बारे में नीचे विस्तार से बताया जा रहा है।

अपडेटेड Dec 28, 2022 पर 11:04 AM
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Belated Return: अगर 31 दिसंबर की डेडलाइन से भी चूक जाते हैं तो फिर इस एसेसमेंट वर्ष के लिए अपनी मर्जी से ITR नहीं भर पाएंगे।

Belated ITR: यह साल बस गुजरने ही वाला है। हालांकि एसेसमेंट वर्ष 2022-23 का इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) अगर आपने फाइल नहीं किया है तो इस साल का अभी बहुत बड़ा काम आपका बाकी है। अगर आप आईटीआर फाइल करते हैं और पिछले वित्त वर्ष 2021-22 यानी एसेसमेंट वर्ष 2022-23 का आईटीआर अभी तक फाइल नहीं किया है तो 31 दिसंबर से पहले निपटा लें। ध्यान दें कि ऐसे इंडिविजुअल्स जो 31 जुलाई 2022 की डेडलाइन तक आईटीआर फाइल नहीं कर सके हैं, वे अब बिलेटेड आईटीआर ही भर पाएंगे। अगर इससे भी चूके तो यह बहुत भारी पड़ सकता है।

अगर आप टैक्स के दायरे में आते हैं और आईटीआर फाइल करने से चूक गए हैं तो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 276सीसी के तहत कानूनी कार्रवाई हो सकती है। यहां बिलेटेड आईटीआर क्या है और 31 दिसंबर की डेडलाइन चूकने का आप पर क्या असर होगा, इसके बारे में नीचे विस्तार से बताया जा रहा है।

Belated Income Tax Return क्या है


इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 139(1) के तहत जिनके खातों का ऑडिट नहीं होना है और कुछ खास कैटेगरी के लोगों का, उनके लिए आय का रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई होती है। इसमें सैलरी से होने वाली आय वाले लोग भी शामिल हैं जिन्हें 31 जुलाई तक आईटीआर फाइल करना होता है। एसेसमेंट वर्ष 2022-23 के लिए 31 जुलाई का डेडलाइन चूकने के बाद जो भी रिटर्न फाइल हो रहा है, वह बिलेटेड रिटर्न ही है। इसे इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139 (4) के तहत फाइल किया जाता है और इसकी डेडलाइन एसेसमेंट वर्ष खत्म होने के तीन महीने तक होता है यानी कि इस बार 31 मार्च 2023 में एसेसमेंट वर्ष खत्म होने से तीन महीने पहले 31 दिसंबर 2022 तक डेडलाइन है।

रेगुलर रिटर्न से कैसे अलग है यह

31 जुलाई के बाद भी रिटर्न फाइल करने का मौका मिलता है लेकिन यह रेगुलर रिटर्न से अलग होता है। इसमें नुकसान को कैरी फॉरवर्ड करने का विकल्प नहीं मिलता है। इसके अलावा इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 234 एफ के तहत देरी से रिटर्न फाइल करने के लिए पेनाल्टी भी लगती है। अगर टोटल इनकम 5 लाख रुपये से अधिक है तो यह पेनाल्टी 5 हजार रुपये है। अगर टोटल इनकम 5 लाख रुपये से कम है तो 1 हजार रुपये तक की पेनाल्टी लगेगी।

हालांकि अगर आप टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं और फिर भी रिटर्न फाइल करते हैं तो बिलेटेड में कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी। 60 साल से कम उम्र के लिए 2.5 लाख रुपये, 60-80 वर्ष के लिए 3 लाख रुपये और 80 वर्ष से ऊपर के लिए 5 लाख रुपये तक की आय पर रिटर्न फाइल करने की बाध्यता नहीं है।

बिलेटेड रिटर्न से भी चूके तो क्या होगा

अगर 31 दिसंबर की डेडलाइन से भी चूक जाते हैं तो फिर इस एसेसमेंट वर्ष के लिए अपनी मर्जी से आईटीआर नहीं भर पाएंगे। इसके बाद आईटीआर फाइल करने के लिए या तो आईटी डिपार्टमेंट से इसकी इजाजत लेनी होगी या आईटी डिपार्टमेंट ने कभी आपके आय की जांच की तो वह इससे जुड़ा निर्देश दे सकता है। टैक्स कनेक्ट एडवायजरी के पार्टनर विवेक जालान के मुताबिक अगर बिलेटेड रिटर्न से चूकते हैं और इसकी कोई खास वजह है जैसे कि बीमारी तो कारण बताते हुए सेक्शन 119 के तहत आईटी विभाग से अनुरोध कर सकते हैं। इसके बाद यह आईटी विभाग के विवेक पर होगा कि वह इसे मंजूरी दे या न दे। अगर आप बिलेटेड रिटर्न भरने से चूक जाते हैं तो आईटी विभाग सेक्शन 142 (1) के तहत नोटिस भी भेज सकता है।

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