ITR फाइल करने के बाद इसका वेरिफिकेशन भी है जरूरी, अगर चूक गए तो आपको होगा 5,000 रुपयों का नुकसान

ITR Filing की समय सीमा आगे निकल गई है। अब अगर आप 31 दिसंबर तक अपना लेट आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। जब तक कि आप विलंबित आईटीआर दाखिल नहीं कर रहे हों और किसी भी स्थिति में जुर्माना देना होगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आईटीआर वेरिफाई करने की डेडलाइन 30 दिन से आगे बढ़ा कर 120 दिन की कर दी है। 29 जुलाई, 2022 को जारी एक नोटिफिकेशन में, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने कहा कि आईटीआर वेरिफिकेशन के मामले में यह नया नियम 1 अगस्त, 2022 से प्रभावी होगा

अपडेटेड Aug 01, 2023 पर 9:37 PM
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बिना वेरिफिकेशन के फाइल नहीं माना जाएगा ITR

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) की समय सीमा आगे निकल गई है। अब अगर आप 31 दिसंबर तक अपना लेट आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। जब तक कि आप विलंबित आईटीआर दाखिल नहीं कर रहे हों और किसी भी स्थिति में जुर्माना देना होगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आईटीआर वेरिफाई करने की डेडलाइन 30 दिन से आगे बढ़ा कर 120 दिन की कर दी है।

1 अगस्त से प्रभावी होगा नया नियम

29 जुलाई, 2022 को जारी एक नोटिफिकेशन में, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने कहा कि आईटीआर वेरिफिकेशन के मामले में यह नया नियम 1 अगस्त, 2022 से प्रभावी होगा। सीबीडीटी अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि 30 दिनों की कम समय सीमा है। 1 अगस्त, 2022 को या उसके बाद दाखिल किए गए आईटीआर पर लागू है। जिन व्यक्तियों ने 31 जुलाई, 2022 को या उससे पहले आईटीआर दाखिल किया है, उनके लिए सत्यापन की समय सीमा 120 दिन बनी हुई है।


30 दिनों के बाद वेरिफाई करने पर क्या हैं नियम

CBDT ने कहा है कि जुलाई 2022 की नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि अगर कोई 30 दिनों यानी, नई समय सीमा के बाद आईटीआर को वेरिफाई करता है, तो ऐसे मामलों में ई-सत्यापन/आईटीआर-वी जमा करने की तारीख को प्रस्तुत करने की तारीख के रूप में माना जाएगा। इसके अलावा, आयकर अधिनियम, 1961 के तहत देर से रिटर्न दाखिल करने के सभी परिणाम दंडात्मक परिणामों सहित भी लागू होंगे। इसलिए, अगर आपने असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए अपना आईटीआर 31 जुलाई 2023 को या उससे पहले दाखिल किया है, तो तय करें कि आपने दाखिल करने की तारीख से 30 दिनों के भीतर इसे वेरिफाई कर लिया है। अगर आप इसे 30 दिनों के अंदर करने में विफल रहते हैं और 31 जुलाई, 2023 के बाद इसे वेरिफाई करते हैं, तो धारा 234F के तहत 5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। वेरिफिकेशन की तारीख को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से आईटीआर दाखिल करने की तारीख माना जाएगा।

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर इनकम टैक्स रिटर्न वेरिफिकेशन की टाइम लिमिट आगे निकल जाती है तो आईटीआर फाइल करने की तारीख वह मानी जाएगी जब आपने इसे वेरिफाई कर दिया हो। वहीं अगर आप 31 जुलाई के बाद अपना आईटीआर फाइल करते हैं तो इनकम टैक्स की धारा 234एफ के तहत जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं अगर कोई ऑफलाइन तरीके से वेरिफिकेशन का ऑप्शन चुनता है तो स्पीड पोस्ट भेजने की तारीख इनकम टैक्स रिटर्न के डेटा को इवेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रांसमिट करने क तारीख से 30 दिनों तक असेसमेंट के लिए वेरिफाईड आईटीआर-वी के नॉर्मल पोस्ट पर विचार किया जाएगा।

क्या डाल सकते हैं माफी की रिक्वेस्ट

इससे पहले अगर कोई टैक्सपेयर 120 दिनों क वेरिफिकेशन की लिमिट को क्रॉस कर जाता था तो उसके पास माफी का रिक्वेस्ट दायर करने का ऑप्शन होता था। इस रिक्ववेस्ट में टैक्सपेयर यह अपील करता है कि उसे टाइम लिमिट बीतने के बाद भी वेरिफिरेशन की मंजूरी दी जाए। साथ ही देरी की वजह भी बतानी पड़ती थी। अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसे सही मानता है तो फिर उसे वेरिफिकेशन की मंजूरी मिल जाती थी। अभी भी 30 दिनों की टाइम लिमिट बीतने के बाद माफी की रिक्वेस्ट भेजी जा सकती है।

बिना वेरिफिकेशन के फाइल नहीं माना जाएगा आईटीआर

अगर वेरिफिकेशन की टाइम लिमिट बीतने के बाद भी आप अपने आईटीआर को वेरिफाइड नहीं करते हैं तो आईटीआर को इनवैलिड मान लिया जाएगा। अगर आपका आईटीआर इनवैलिड मान लिया जाता है तो आपको इसके नुकसान भुगतने होंगे। अगर आप 30 दिन की लिमिट के अंदर अपना आईटीआर फाइल नहीं कर पाते हैं तो आपका आईटीआर इनवैलिड मान लिया जाएगा।

Abhishek Nandan

Abhishek Nandan

First Published: Aug 01, 2023 9:37 PM

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