उत्तर प्रदेश (UP) की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गिफ्ट डीड (Gift Deed) यानी अपनों को संपत्ति ट्रांसफर या दान करने को स्थायी कर दिया है। पिछले साल मार्च 2022 से सितंबर के बीच छह महीने के लिए गिफ्ट डीड को ट्रायल रूप में लागू किया गया था। इस ट्रायल के अच्छे रिजल्ट सामने आने के बाद स्टांप एवं रजिस्ट्री विभाग द्वारा इसे पूरी तरह से लागू करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट (UP Cabinet) ने मुहर लगा दी है।
इस फैसले के बाद अब यूपी में परिवार की संपत्ति का पारिवारिक सदस्यों के बीच बंटवारे के लिए संबंधित सदस्यों के पक्ष में गिफ्ट डीड, बंटवारा पत्र एवं पारिवारिक व्यवस्थापन या समझौता ज्ञापन निष्पादन सिर्फ 6,000 रुपये में कराया जा सकेगा। अभी तक परिवार के बीच भी संपत्ति के बंटवारे पर सात फीसदी स्टांप शुल्क लगता था। इसमें 5,000 रुपये स्टांप ड्यूटी और 1,000 रुपये प्रोसेसिंग शुल्क के लिए देने होंगे।
पहले 7 फीसदी लगता था शुल्क
अभी ऐसे मामलों में सेल डीड की रजिस्ट्री की तरह संपत्ति के कुल कीमत का 7 प्रतिशत तक स्टांप एवं निबंधन शुल्क देना पड़ता था। फिलहाल, छह माह तक ही छूट देने का निर्णय सरकार ने किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पहली बार विधवा बहू को भी सास-ससुर केवल 5,000 रुपये में संपत्ति दान कर सकेंगे। गिफ्ट डीड का इस्तेमाल पांच साल में एक बार किया जा सकेगा।
पहले पारिवारिक विवाद रोकने के लिए पिता वसीयत करते थे, लेकिन अधिकांश वसीयतें विवाद के कारण कोर्ट पहुंच जाती थीं। भारी भरकम स्टांप के कारण पिता अपने जीवित रहते बेटे को संपत्ति नहीं दे पाता था। इस वजह से बेटा कारोबार या कोई नया काम शुरू नहीं कर पाता था। भाई-भाई के बीच भी संपत्ति बंटवारे में 7 फीसदी स्टांप शुल्क देना पड़ता था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के रक्त संबंधी मामलों में स्टांप ड्यूटी से भारी-भरकम छूट देने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। छूट की सुविधा महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में पहले से है, लेकिन यूपी में पिछले साल दिसंबर से छूट नहीं दी जा रही थी।
भारतीय स्टांप अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, प्रदेश सरकार को ऐसी छूट देने का अधिकार है। उसी अधिकार का इस्तेमाल करते हुए सरकार ने पिछले साल पहली बार सिर्फ छह माह के लिए छूट देने का निर्णय किया था। परिवार के सदस्यों के बीच बंटवारे पर राज्य सरकार द्वारा भारी-भरकम स्टाम्प ड्यूटी (संपत्ति की रजिस्ट्री) से बड़ी राहत देने से पारिवारिक संपत्ति के मामलों में मुकदमेबाजी घटने की उम्मीद है।