दिल्ली के उप राज्यपाल द्वारा शहर के उत्तर में मुखर्जी नगर में सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट (Signature View Apartment) के पुनर्निर्माण और आवासीय परिसर से परिवारों को निकालने का आदेश दिया गया है। लेकिन आदेश के नौ महीने बाद भी बिल्डिंग के निवासी जीर्ण-शीर्ण बिल्डिंग में ही रह रहे हैं। कुछ को छोड़कर अधिकांश परिवार अभी भी इन बिल्डिंगों से निकलने का नाम नहीं ले रहे हैं। इन बिल्डिंगों में उनके रहने के दिन से ही घटिया निर्माण के लक्षण दिखाई देने लगे थे। बिल्डिंग में रह रहे लोगों का कहना है कि जब तक उन्हें दिल्ली विकास प्राधिकरण (Delhi Development Authority (DDA) से घर खाली करने पर दूसरे घर में रहने के किराये का भुगतान, फ्लैटों का पुनर्निर्माण और तीन साल के भीतर हैंडओवर किये जाने का आश्वासन नहीं मिलता तब तक वे घर खाली नहीं करेंगे।
बिल्डिंगों का निर्माण करने वाली एजेंसी DDA के सूत्रों का कहना है कि अगले हफ्ते तक निवासियों को फाइनल एग्रीमेंट भेजे जाने की संभावना है।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Delhi Lieutenant Governor Vinai Kumar Saxena) ने 24 जनवरी को डीडीए को उत्तरी दिल्ली के मुखर्जी नगर में "स्ट्रक्चरली डैमेज्ड" सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को खाली करने और फिर से बनाये जाने का आदेश दिया था। उन्होंने हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण में हुई चूक की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराने की भी सिफारिश की थी।
लगभग 1,600 लोग अभी भी सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में रह रहे हैं। इस कॉम्पलेक्स में 12 टावर और 336 फ्लैट हैं।
अपार्टमेंट के निवासियों की मांग
Signature View Apartment Residents’ Welfare Association के सेक्रेटरी गौरव पांडे ने आरोप लगाया कि DDA लोगों को अभी तक फ्लैटों के पुनर्निर्माण और यहां से निकलने के बाद मिलने वाले किराये पर फाइनल एग्रीमेंट नहीं दे पाया है।
“हमें पता चला है कि DDA ने एक शर्त रखी है कि सभी 336 फ्लैट खाली होने के बाद ही निवासियों को किराया दिया जाएगा। यह एक अवास्तविक स्थिति है। इसकी वजह ये है कि यहां के अधिकांश परिवार लंबे समय तक किराया और अपनी EMIs का बोझ एक साथ उठाने में असमर्थ हैं। इसलिए निवासी अपने फ्लैट खाली करने को लेकर आशंकित हैं। पांडे ने मनीकंट्रोल से कहा कि DDA को फ्लैट खाली करने के 10-15 दिनों के भीतर परिवारों को किराया देना चाहिए।
DDA ने जून 2023 में बिल्डिंग के निवासियों को दो ऑफर दिए थे। एक फ्लैटों की डायरेक्ट बायबैक था। इसमें उनके घर की कीमत, उस कीमत पर ब्याज और पंजीकरण के समय भुगतान की गई स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना शामिल है।
दूसरा ऑफर फ्लैटों का पुनर्निर्माण करना था। जिसके तहत DDA उसी स्थान पर समान स्पेसिफिकेशंस के साथ नवनिर्मित फ्लैट उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा, निर्माण करने की अवधि के दौरान किराए की राशि का भी भुगतान किया जाएगा।
निवासियों के अनुसार, DDA ने HIG (उच्च आय समूह) फ्लैटों के लिए प्रति माह 50,000 रुपये किराया तय किया है। जबकि MIG (मध्यम आय समूह) फ्लैटों के लिए 38,000 रुपये किराया देने का फैसला किया है।
सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स 2007-10 के दौरान DDA द्वारा बनाया गया था। इसकी डिलीवरी 2012 में शुरू हुई थी। निवासियों के अनुसार बिल्डिंग निर्माण से जुड़ी हुईं समस्याएं 2012-13 से सामने आने लगीं थी।
2021-22 में DDA के आदेश पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (Indian Institute of Technology, Delhi) द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि बिल्डिंग "संरचनात्मक रूप से असुरक्षित" (“structurally unsafe”) थी। सबसे अच्छा सुझाव दिया गया था कि परिसर को "खाली और नष्ट करना" था।
निवासियों की शिकायतें आने के बाद उप राज्यपाल ने 24 जनवरी को DDA को हाउसिंग कॉम्पलेक्स का पुनर्विकास करने और "अंतरिम रूप से निवासियों का पुनर्वास" करने के लिए कहा था।