Real Estate : टॉप 8 रियल एस्टेट कंपनियों पर कर्ज का बोझ तीन साल में 43 फीसदी घटा है। रियल एस्टेट सेक्टर की टॉप 8 कंपनियों पर शुद्ध कर्ज का बोझ वित्त वर्ष 2019-20 में लगभग 40,000 करोड़ रुपये था। जो कि बीते वित्त वर्ष 2022-23 में घटकर 23,000 करोड़ रुपये रह गया है। यह जानकारी रियल एस्टेट कंसल्टेंट Anarock की रिपोर्ट से मिली है। एनारॉक ने बताया कि घरों की भारी मांग से रियल एस्टेट कंपनियों पर कर्ज घटा है।
कर्ज में कमी आने की ये है वजह
एनारॉक के अनुसार, देशभर में घरों की भारी मांग ने प्रमुख बड़े और लिस्टेड डेवलपर अपना कर्ज कम कर सके हैं। एनारॉक ने रेसिडेंशियल रियल एस्टेट में काम करने वाली टॉप 8 कंपनियों के फाइनेंशियल परफॉर्मेंस का विश्लेषण किया। इन कंपनियों में डीएलएफ, मैक्रोटेक डेवलपर्स (लोढ़ा ब्रांड), गोदरेज प्रॉपर्टीज, प्रेस्टीज एस्टेट प्रोजेक्ट्स, शोभा, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, Puravankara और महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स लिमिटेड शामिल हैं।
एनरॉक के चेयरमैन ने क्या कहा?
टॉप आठ लिस्टेड रियल एस्टेट कंपनियों पर शुद्ध कर्ज वित्त वर्ष 2019-20 में 40,500 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2022-23 में घटकर लगभग 23,000 करोड़ रुपये रह गया है। इन आठ कंपनियों पर कर्ज की औसत लागत 2019-20 के 10.3 फीसदी से घटकर 2022-23 में 9 फीसदी रह गई। वित्त वर्ष 2020-21 में ब्याज दर 9.05 फीसदी थी जबकि 2021-22 में कर्ज लागत 7.96 प्रतिशत थी।
एनरॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, “सकल कर्ज में गिरावट बिक्री और राजस्व में बढ़ोतरी के कारण होनी ही थी।” उन्होंने कहा कि वितरकों की बिक्री कोविड-19 से पूर्व के स्तर को भी पार कर चुकी है और नई ऊंचाइयों की तरफ बढ़ रही है।